नई दिल्ली: 2013 में हुए मुज्जफरनगर दंगों के मुख्य गवाह सोदान सिंह का शव रहस्यमय परिस्थितियों में फंदे से लटका बरामद किया गया। शनिवार को 58 वर्षीय सोदान सिंह की लाश उनके गांव सिखेड़ा के ट्यूबवेल के पास बरामद की गई। पुलिस इस मामले को आत्महत्या बता रही है। जबकि, मृतक के बेटे रविंदर ने हत्या का आरोप लगाया है।

सोदान सिंह के बेटे की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर लिया है। मामले में चार लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया। इसमें उस नाबालिग लड़की के दो भाई भी शामिल हैं, जिसने सोदान सिंह पर यौन शोषण का आरोप लगाया था। पुलिस ने बताया कि सोदान सिंह केवल गांव में हुए दो जाट भाइयों सचिन और गौरव की हत्या के मुख्य गवाह भी थे। गौरतलब है कि 2013 में सचिन और गौरव की हत्या के बाद पूरे मुजफ्फरनगर जिले में दंगा भड़क गया था। इस दंगे में 62 लोग मारे गए थे। जबकि, हजारो लोग बेघर हुए थे।

सोदान सिंह पर उस दौरान जाट भाइयों की हत्या के तीन दिन बाद एक मुस्लिम आदमी की हत्या की कोशिश का आरोप लगा था। सिखेड़ा के एसएचओ सर्वेश कुमार सिंह ने बताया, “सोदान सिंह पर 20 दिन पहले ही एक नाबालिग लड़के से छेड़छाड़ का आरोप लगा था। लेकिन, उन्होंने हाईकोर्ट से पहले ही गिरफ्तारी के खिलाफ स्टे-ऑर्डर ले रखा था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक उनकी मृत्यु फांसी से हुई है।”

मुजफ्फरनगर के एसएसपी सुधीर कुमार सिंह का कहना है कि सोदान सिंह की हत्या के संबंध में उन्हें कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं। उन्होंने कहा, “(मुजफ्फरनगर दंगा) सोदान सिंह गवाह थे और उनका बयान दर्ज था। वह ना सिर्फ दंगे में आरोपी भी थे बल्कि उनके खिलाफ और भी मामले विचाराधीन थे।” परिजनों के आरोपों पर एएसएपी ने कहा कि यह पोस्टमार्ट में साबित हो चुका है कि सोदान की मौत फांसी के चलते हुई है।