नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को असम में डिब्रूगढ़ के निकट बोगीबील में ब्रह्मपुत्र नदी पर बने देश के सबसे लंबे रेल-सह-सड़क पुल का उद्घाटन किया। नई दिल्ली से दोपहर में डिब्रूगढ़ पहुंचने के बाद मोदी ने एक हेलिकॉप्टर से सीधे बोगीबील के लिए उड़ान भरी और नदी के दक्षिणी किनारे से 4.94 किलोमीटर लंबे डबल-डेकर पुल का उद्घाटन किया। मोदी असम के राज्यपाल जगदीश मुखी और मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल के साथ पुल पर कुछ मीटर तक चले। हाल ही में बीजेपी के ट्विटर पेज पर पुल के उद्घाटन समारोह की तस्वीरें शेयर की गई हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने इस लंबे पुल से गुजरने वाली पहली पैसेंजर रेलगाड़ी को भी हरी झंडी दिखा कर रवाना किया।

विशाल ब्रह्मपुत्र नदी पर बना, सामरिक रूप से महत्वपूर्ण यह पुल अरूणाचल प्रदेश के कई जिलों के लिए कई तरह से मददगार होगा। डिब्रूगढ़ से शुरू होकर इस पुल का समापन असम के धेमाजी जिले में होता है। यह पुल अरुणाचल प्रदेश के भागों को सड़क के साथ-साथ रेलवे से जोड़ेगा।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि असम समझौते का हिस्सा रहे बोगीबील पुल को 1997-98 में मंजूरी दी गई थी। ऐसा माना जा रहा है कि यह पुल अरूणाचल प्रदेश में भारत-चीन सीमा के पास रक्षा गतिविधियों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा। ये देश का सबसे लम्बा रेल-रोड ब्रिज है। बता दें कि यह पहला ऐसा पुल है जिसका निर्माण पूरी तरह से स्टील से हुआ है।

पुल के उद्घाटन समारोह के दौरान पीएम ने कहा यह पुल सिर्फ एक पुल नहीं है बल्कि इस क्षेत्र के लाखों लोगों के जीवन को जोड़ने वाली लाइफलाइन है। इससे असम और अरुणाचल के बीच की दूरी सिमट गई है। बोगीबील पुल के जरिए हमारी सेना को जरूरत पड़ने पर खासी मदद मिलेगी।

पुल का निर्माण अटल बिहारी की सरकार में शुरू हुआ था और 16 साल बाद यह बनकर तैयार हुआ है। पुल की लागत 5920 करोड़ बताई जा रही है। पुल का शिलान्यास 1997 में संयुक्त मोर्चा सरकार के पीएम एचडी देवगौड़ा ने किया था और 2002 से अटल सरकार ने इसका निर्माण कार्य शुरु किया था।