लखनऊ से तौसीफ़ क़ुरैशी

राज्य मुख्यालय लखनऊ।पाँच राज्यों के चुनावों ने यूपी में महागठबंधन की तस्वीर ही बदल कर रख दी अब जो राजनीतिक हलको में महागठबंधन को लेकर चर्चा हो रही है उससे तो लगता है कि सपा-बसपा का ख़ुमार उतर सा गया है भरोसे के सूत्रों से मिली रही जानकारियाँ बेहद चौंकाने वाली है सूत्र बता रहे है कि यूपी में महागठबंधन की सूरत बसपा-कांग्रेस व सपा में बराबर-बराबर सीटों पर होने की बात लगभग-लगभग फ़ाइनल हो गई है यानी 25-25-25 सीटों पर सहमती हो गयी है दो सीट लोकदल के लिए छोड़ी जाएगी और तीन सीटें अन्य दलों के लिए यह फ़ार्मूला पाँच राज्यों में कांग्रेस को मिली जीत के बाद बाहर निकल कर आया है सपा बसपा को भय सता रहा है कि कही उनका वोटबैंक सीधे कांग्रेस के पाले में न चला जाए मोदी की भाजपा को हराने के लिए जैसे मध्य प्रदेश , छत्तीसगढ़ व राजस्थान में गया है क्योंकि मुसलमान व दलित किसी भी सूरत में मोदी की भाजपा को हराने के लिए वोटिंग कर रहा है और तीसरा वोट वो है जो मोदी की भाजपा के पास विकास के नाम पर गया था उससे वह भी खिन्न है वह भी वहाँ से बैक हो रहा है वह किसी के पास न जाकर कांग्रेस के खाते में जाएगा इस लिहाज़ से कांग्रेस के पास सीटें जीतने के लिए अकेले भी लड़ने पर पर्याप्त वोट हो रहा है उसी को ध्यान में रखकर सपा बसपा के नख़रों में कमी आई है।मोदी लहर को प्रचारित करने वाली गोदी मीडिया भी अब बेबस नज़र आ रहा है।विपक्ष की एक जुटता से मोदी की भाजपा भी बेदम नज़र आ रही है।2019 के आमचुनाव में मोदी की भाजपा को रोकने के लिए विपक्ष की एकता को लेकर तरह-तरह के क़यास लग रहे थे कि महागठबंधन होगा या नही होगा अब हालात बिलकुल साफ हो चुके है कि महागठबंधन होगा और मोदी की भाजपा को 100 सीटें के अन्दर रोक देंगे।दिसंबर के आख़िर में या जनवरी के शुरू में विपक्ष के नेताओं की बैठक होगी जिसके बाद पूरा फ़ार्मूला पेश हो जाएगा महागठबंधन के रणनीतिकारों का कहना है किसी भी भ्रम को खतम करने के लिए बैठकों का दौर शुरू होगा।कांग्रेस पहले के मुक़ाबले काफ़ी मज़बूत स्थिति में नज़र आ रही है पाँच राज्यों के चुनावों के परिणामों से पूर्व कांग्रेस को सपा बसपा ज़्यादा सीटें देने के मूड में नही थे लेकिन अब हालात बिलकुल जुदा-जुदा दिख रहे है।सियासी जानकारों का कहना है कि कांग्रेस की दावेदारी मज़बूत ही नही होगी बल्कि सीटों की हिस्सेदारी बराबर बराबर की होगी इसके संकेत यूपी कांग्रेस ने भी दिए है यूपी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मारूफ खान का कहना है कि हमारी पार्टी राष्ट्रीय पार्टी है और वहाँ कोई भी फ़ैसला कार्यकर्ताओं पदाधिकारियों और आलाकमान की राय से होता है वह जो भी फ़ैसला लेते है उसको ही मान्य माना जाता है।अकेले भी चुनाव में जा सकती है कांग्रेस इससे भी इंकार नही किया जा सकता अगर उसकी इमेज के मुताबिक़ सीटें नही मिलेगी तो वह ऐसा भी कर सकती है।कांग्रेस का यह भी कहना है कि हम सभी को साथ लेकर चलने के लिए तैयार है यूपी में बसपा सपा को महागठबंधन में शामिल करने की बातचीत करेंगे सीटों को लेकर किसी का दबाव नही सहन नही किया जाएगा।कांग्रेस के रणनीतिकारों का मानना है कि जिस तरह मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ व राजस्थान में मुसलमान दलित व स्वर्णों का साथ मिला उसी तरह यूपी में भी मिल जाएगा कांग्रेस का यह सोचना ग़लत भी नही है ऐसा हो भी सकता है ज़्यादातर लोगों का मानना होता है कि केन्द्र की सरकार बनाने में कांग्रेस व भाजपा की सीधी लडाई होती है ऐसे में मोदी की भाजपा को रोकने के लिए मुसलमान व दलित सीधे कांग्रेस की साथ जा सकते है जहाँ पाँच राज्यों में चुनाव से पहले कांग्रेस की हालत यह थी उसके बारे में इस तरह की बातें होती थी कि कांग्रेस को महागठबंधन में शामिल किया जाए या नही लेकिन अब कांग्रेस महागठबंधन का नेतृत्व की बात कर रही है और सीटें भी बराबर-बराबर माँग रही हैं।बसपा और सपा ने मध्य प्रदेश राजस्थान में कांग्रेस को समर्थन देने में ज़रा भी देर नही लगाई उससे क़यासों का दौर शुरू हो गया कि अब यूपी में महागठबंधन की तैयारी है लोगों का मानना है कि मामला सीट बँटवारे को लेकर फँसेगा लेकिन अब बँटवारा बराबर-बराबर होगा यानी प्रदेश की अस्सी सीटों में 25-25-25 का फ़ार्मूला बन गया है ऐसी ख़बरें सियासी गलियारो में अपनी जगह बना रही है अब यह तो आने वाले दिनों में साफ हो पाएगा कि कौन दल कितनी सीट लेगा या महागठबंधन की सूरत क्या होगी जब तक यह फ़ार्मूला बाहर नही आता क़यासों का दौर भी चलता रहेगा।