लखनऊ: कांगे्रस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने कहा है कि मध्य प्रदेश , राजस्थान और छत्तीसगढ़ राज्यों में सम्पन्न हुये विधान सभा के चुनाव परिणाम कांगे्रस की वापसी और भारतीय जनतापार्टी की रवानगी की शुरूआत का स्पष्ट संदेश हैं ।

प्रमोद तिवारी ने कहा है कि अब यह बात साफ हो गयी है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के झूठे वायदों और नोटबन्दी तथा जीएसटी के दुष्परिणामों के कारण जनता का विशवास पूरी तरह नरेन्द्र मोदी से उठ चुका है । यही नहीं मोदी की गलत नीतियों के कारण देश आर्थिक तबाही और बर्बादी के मुहाने पर खड़ा है ।
श्री तिवारी ने याद दिलाते हुये कहा है कि इन तीन राज्यों में से मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ भारतीय जनतापार्टी के सबसे मजबूत गढ़ थे, जो मोदी जी के आने के पहले लगभग 15 साल से भारतीय जनतापार्टी के ‘‘अजेय किले’’ थे, और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की प्रयोगशाला के रूप में जाने जाते थे, वहांॅ पर पिछले 2013 के विधान सभा के चुनाव में मध्य प्रदेश में 71.1ः%और छत्तीसगढ़ में 54.4% वोट भारतीय जनतापार्टी को मिले थे, तथा क्रमशः 25.2% मध्य प्रदेश में और 43.3% छत्तीसगढ़ में वोट कांगे्रस को मिले थे ।

इसी तरह से 2014 के लोक सभा चुनाव में मध्य प्रदेश में भारतीय जनतापार्टी को 55% तथा कांगे्रस को 34.9% मत मिले थे । किन्तु इस बार 2018 के विधान सभा के चुनाव में भारतीय जनतपार्टी को मध्य प्रदेश में 41.0% तथा कांगे्रस को 40.9% मत मिले, तथा छत्तीसगढ़ में 33.0% भारतीय जनतापार्टी को और 43.0% कांगे्रस को मत मिले जबकि इस बार प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी है, फिर भी भारतीय जनतापार्टी के मतों में गिरावट हुई है ।

श्री तिवारी ने कहा है कि यह हास्यास्पद है कि भारतीय जनतापार्टी को मध्य प्रदेश में इस बार 0.1% मत कांगेस से अधिक मिला है किन्तु महत्वपूर्ण यह है कि पिछले चुनाव के मुकाबले 30.7% मत कम हुये हैं ।
श्री तिवारी ने कहा है कर्नाटक में कांगे्रस को 38.14% प्रतिशत मत मिला था, और भारतीय जनतापार्टी को 36.35% मत मिला था फिर भी भारतीय जनतापार्टी कर्नाटक में 104 सीटें जीती थी, और कांगे्रस 80 सीटेों पर जीती थी, तो मध्य प्रदेश में कम प्रतिश त मत पाकर कांग्रेस का अधिक सीटें जीतना यह कोई अजूबा नहीं है- ऐसा होता रहता है ।

श्री तिवारी ने कहा है कि मध्य प्रदेश , राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भारतीय जनतापार्टी की सीटें तब घट गयी जब हम उसके इन राज्यों में मतों के बिखराव को एक ‘‘प्लेटफार्म’’ पर नहीं ला पाये । किन्तु आगामी 2019 के लोक सभा के चुनाव में यदि हम भारतीय जनतापार्टी के खिलाफ मतों के बिखराव को रोकने में कामयाब हुये तो इन राज्यों में हमारा वो 7 – 8 प्रतिशत और अधिक बढ़ जायेगा, और भारतीय जनतापार्टी का पूरी तरह सफाया हो जायेगा ।

श्री तिवारी ने कहा है कि मध्य प्रदेश , राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भारतीय जनतापार्टी की पराजय यह संदेश देती है कि भारतीय जनतापार्टी पूरी तरह जनता का विशवास खो चुकी है, और उत्तर प्रदेषश जैसे राज्यों में कांगे्रस अपनी वापसी कर सकती है ।