नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीदी के मामले में नरेन्द्र मोदी सरकार को शुक्रवार को क्लीन चिट दे दी है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अरबों डॉलर कीमत के राफेल सौदे में निर्णय लेने की प्रक्रिया पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है. हालांकि, अब इस पर अनिल अंबानी का भी बयान आया है. राफेल के मामले में अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस पर भी आरोप लग रहे थे. मगर अब कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि ऑफसेट में भी कोई पक्षपात नहीं किया गया है. अनिल अंबानी सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है और आरोपों को राजनीति से प्रेरित बताया.

रिलायंस प्रमुख अनिल अंबानी ने राफेल पर उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत किया और कहा कि इससे यह साबित हो गया कि उनकी कंपनी के खिलाफ लगाए गए आरोप राजनीति से प्रेरित और गलत थे. रिलायंस के चेयरमैन अनिल अंबानी ने कहा कि उनकी कंपनी दसाल्ट के साथ ऑफसेट सौदे को लागू करने समेत भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के फैसले में प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि लड़ाकू विमानों की जरूरत है और देश इन विमानों के बगैर नहीं रह सकता है. तीन सदस्यीय पीठ की तरफ से फैसला पढ़ते हुए प्रधान न्यायाधीश गोगोई ने कहा कि लड़ाकू विमानों की खरीद की प्रक्रिया में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं है. शीर्ष अदालत ने कहा कि कीमतों के तुलनात्मक विवरण पर फैसला लेना अदालत का काम नहीं है. पीठ ने कहा कि खरीदी, कीमत और ऑफसेट साझेदार के मामले में हस्तक्षेप के लिए उसके पास कोई ठोस साक्ष्य नहीं है. अदालत की निगरानी में राफेल सौदे की जांच कराने की मांग करने वाली विभिन्न याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने यह फैसला सुनाया.