नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने भारतीय रिजर्व बैंक के नए गवर्नर पर सनसनीखेज आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि शशिकांत दास भ्रष्टाचार में लिप्त रहे हैं। स्वामी बोले, “दास को आरबीआई गवर्नर के तौर पर नियुक्त करना गलत फैसला है, क्योंकि वह पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेसी नेता पी.चिदंबरम के साथ भ्रष्टाचार संबंधी गतिविधियों में लिप्त रहे हैं। यही नहीं, वह चिदंबरम को अदालती मामलों में बचाने की कोशिश कर चुके हैं। मुझे नहीं मालूम कि यह फैसला क्यों लिया गया। मैंने आरबीआई गवर्नर की नियुक्ति पर अपने विरोध को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है।”

केंद्र सरकार और आरबीआई के बीच कई दिनों से जारी तनातनी की खबरों के बाद सोमवार को अचानक उर्जित पटेल ने इस्तीफा दे दिया था। अगले दिन (11 दिसंबर) सरकार ने पूर्व नौकरशाह शशिकांत दास को आरबीआई का नया गर्वनर नियुक्त किया, जो कि 15वें वित्त आयोग के सदस्य भी हैं। आरबीआई गवर्नर के नाते उनका कार्यकाल तीन वर्षों का रहेगा। दास 1980 बैच के तमिलनाडु कैडर के आईएएस अधिकारी हैं।

आर्थिक मामलों के पूर्व सचिव दास ने बुधवार (12 दिसंबर) को आरबीआई गवर्नर का पदभार संभाला। वह उर्जित पटेल की जगह लेंगे, जिन्होंने निजी कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था। पटेल साल 1990 के बाद पहले ऐसे आरबीआई गवर्नर हैं, जिन्होंने कार्यकाल खत्म होने से पहले ही आरबीआई गवर्नर की कुर्सी छोड़ दी। हाल में पटेल और सरकार के बीच आरबीआई की स्वायत्ता के मुद्दे पर काफी तनाव देखा गया था।

दास ने एक ट्वीट कर कहा, “भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर की जिम्मेदारी संभाली। आप सभी का शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद।” वहीं, वित्त मंत्री अरुण जेटली ने उन्हें आरबीआई के शीर्ष पद के लिए ‘सही साख’ वाला व्यक्ति बताया। वह बोले, “दास एक बहुत वरिष्ठ और अनुभवी नौकरशाह रहे हैं। उनका पूरा कामकाजी जीवन लगभग देश के आर्थिक और वित्तीय प्रबंधन में गुजरा है। भले ही वह भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में कार्यरत रहे हों या तमिलनाडु में राज्य सरकार के साथ काम किया हो।”