जनाक्रोश रैली के बहाने शिवपाल ने दिखाई अपनी ताक़त, मुलायम ने भी पहुंचकर हौसला बढ़ाया

लखनऊ : अलग पार्टी बनाने के बाद पहली बार सियासी ताकत दिखाने के लिए जनाक्रोश रैली कर रहे शिवपाल सिंह यादव के मंच पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व उनके बड़े भाई मुलायम सिंह यादव भी पहुंचे।

लखनऊ: अलग पार्टी बनाने के बाद पहली बार सियासी ताकत दिखाने के लिए राजधानी लखनऊ के रमाबाई आंबेडकर मैदान में जनाक्रोश रैली कर रहे शिवपाल सिंह यादव के मंच पर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री व उनके बड़े भाई मुलायम सिंह यादव भी पहुंचे। मुलायम के पहुंचते ही शिवपाल समर्थक जोश से भर गए।

शिवपाल ने मुलायम की मौजूदगी में भारी भीड़ को सम्बोधित करते हुए कहा कि सामाजिक न्याय का अर्थ है-उन सभी व्यक्तियों को न्याय उपलब्ध करवाना, जिन्हें किसी भी प्रकार के सामाजिक भेद-भाव व वर्चस्व के कारण अन्याय का सामना करना पड़ रहा है। लोहिया कहा करते थे कि सामाजिक न्याय की लड़ाई तब तक अपने मुकम्मल अंजाम तक नहीं पहुंच सकती जब तक समाज के अंतिम पायदान पर खड़े गरीब से गरीब व्यक्ति के जीवन में भी खुशहाली न आ जाए। पिछले 3 दशकों में देश में सामाजिक न्याय को बहुत कामयाबी मिली है, बहुत लोगों का जीवन सुधरा है, लेकिन अभी बहुत काम करना बाकी है। सामाजिक न्याय की यात्रा में बहुत सी जातियां और समूह पीछे छूट गए हैं।

शिवपाल ने कहा, इस रैली का असल मकसद तब पूरा होगा जब तरक्की और खुशहाली आखिरी पायदान पर खड़े व्यक्ति तक पहुचेगी। सामाजिक न्याय की ये लड़ाई तब सफल होगी जब बिना किसी भेद-भाव के सभी को रोजी-रोटी-रोजगार,सुरक्षा,मुफ्त दवाई व शिक्षा मिलेगी। ये लड़ाई इसी बात की है। समाज के हर व्यक्ति को रोजी-रोटी-रोजगार उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है, हम सरकार से कोई खैरात नहीं मांग रहे हैं।

प्रस्पा अध्यक्ष ने भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि आज की भाजपा सरकार गरीब, पिछड़ो व दलित के नाम पर सत्ता में आई थी, लेकिन सरकार ने इन सभी का वोट लेकर उन्हें केवल छला है। उनके हित में कोई काम नहीं किया और यही वजह है कि आज गरीब, पिछड़ो, दलित व अल्पसंख्यक समाज का देश और प्रदेश की तमाम पार्टियों से मोहभंग हो गया है। पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा ने हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का वादा किया था। लेकिन उन्हीं के आकड़ें बताते हैं कि केवल साढ़े चार लाख लोगों को रोजगार मिला। लाखों नौजवान बीटेक और बीएड करके घर बैठे हैं मगर कहीं बहाली नहीं है। भाजपा ने राजनीति को सोशल मीडिया पर भेजे जाने वाले प्रोपेगैंडा में ही इन छात्रों को उलझा दिया है।

भाजपा बड़े-बड़े वादे कर सरकार में आई थी। आज बेरोजगारी का क्या आलम है यह किसी से छुपा हुआ नहीं है। सरकार नौकरियां नहीं दे पा रही है और शिक्षकों,आंगनवाडी महिलाओं को लाठियों से पीटा जा रहा है और दूसरी ओर उत्तरप्रदेश में प्राइवेट इन्वेस्टमेंट भी कानून व्यवस्था एवं मूलभूत आधार रचना के आभाव में नहीं आ पा रहा है। इस कारण युवाओं को नौकरिया नहीं मिल पा रही है। और उत्तर प्रदेश विकास की दर में भी गिरावट आ रही है। बेरोजगार ही नहीं बल्कि सरकारी कर्मचारियों के हितों पर भी डाका डाला जा रहा है। बुढ़ापे का सहारा छीना जा रहा है। हमारी यह बहुत स्पष्ट मांग है कि पुरानी पेंशन की बहाली की जाए एवं 15-20 वर्षो से संविदा पर कार्य कर रहे संविदा कर्मियों का समायोजन किया जाए।

शिवपाल यादव ने नौजवान से आवाहन करते हुए कहा, अब चुनौती बिलकुल नजदीक आ गई है। यह समय लंबे वक्ताओं और भाषणों का नहीं है, सीधी कार्यवाही का है, सीधी चुनौती स्वीकार करने का है। इस लड़ाई में सभी वर्गों का साथ आवश्यक है। जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहा है, नफरत फ़ैलाने का धंधा फलने दृफूलने लगा है। सांप्रदायिक शक्तियां एक दूसरे को लड़ाने में लग गई हैं, पूरे देश में भय का माहौल बनाया जा रहा है, कहीं भीड़ को भड़का कर गो हत्या के नाम पर किसी की हत्या कर दी जा रही है तो कहीं किसी धर्म विशेष के खिलाफ माहौल बनाया जा रहा है।

अयोध्या मामले पर बोलते हुए प्रस्पा अध्यक्ष ने कहा, मुझे डर है कि अयोध्या के बहाने देश को साम्प्रदायिक आग में झोका जा सकता है। क्योंकि पूर्व में भी ऐसा हो चुका है जब ऐसी ही परिस्थितियों में सर्वोच्च न्यायालय में हलफनामा देने के बावजूद सरकार उसका पालन नहीं कर सकी और पूरा देश दंगों की आग में जला और हजारों लोगों को जान व माल का नुकसान सहना पड़ा और देश की अर्थव्यवस्था को भारी क्षति हुई। अयोध्या में आज स्थानीय लोगों में कोई आपसी साम्प्रदायिक विवाद नहीं हुआ। ऐसे में अयोध्या शांतिपूर्ण यथास्थिति सुनिश्चित किया जाना चाहिए।

हमारा बहुत स्पष्ट मानना है कि किसी भी कीमत पर विवादित भूमि पर सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की अवहेलना नहीं होनी चाहिए। क्योंकि अब तक बातचीत और आपसी सहमति का कोई नतीजा नहीं निकला, ऐसे में सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का इंतजार होना चाहिए।

आज भाजपा कि सरकार में भ्रष्टाचार का बोलबाला है,ललित मोदी, नीरव मोदी,मेहुल चोकसी और विजय माल्या जैसे लोग देश का पैसा लूट कर फरार हो गए और सरकार कुछ नहीं कर सकी। अधिकारी /कर्मचारी सरकार के काबू के बाहर हो गए हैं। जब हम सरकार में थे हमने तब भी भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई और मैनपुरी में अगस्त 2016 में ही मंत्री परिषद से इस्तीफे की पेशकश की। हमारी लड़ाई हमेशा भ्रष्टाचार के खिलाफ रही है उसके लिए हमने पद की भी चिंता नहीं की और उसके बाद जो हुआ वो आप सब जानते हैं क्योंकि हमारी पुरानी पार्टी अपने मूल सिद्धांतों से भटक चुकी थी एवं लाखों प्रतिबद्ध मेहनती समाजवादी कार्यकर्ताओं को कुछ चाटुकारों, अवसरवादी एवं आधारहीन नेताओं के एवज में अपमानित एवं उपेक्षित किया गया।जमीनी स्तर पे अन्याय, भ्रष्टाचार, साम्प्रदायिकता के विरुद्ध संघर्ष नहीं हो रहा था एवं हमारी पुरानी पार्टी सोशल मीडिया पार्टी बनकर रह गई थी। अपनी मूल विचारधारा एवं सिद्धांतों से भटकी पार्टी में रहकर सिद्धांतों से समझौता करना अब संभव नहीं था।

हमने सरकार में मंत्री रहते हुए अनेकों जन्कल्याणकारी कार्य किए, समस्त जिलों को फोर लेन से जुडवाया। किसानो के लिए सिंचाई व्यवस्था मुफ्त की। नहरों की टेल तक पानी पहुंचाया। किसानों के लिए हर संभव मदद दी। राजस्व कोड जारी किया एवं बेरोजगारी पेंशन व लोहिया पेंशन जैसी योजनाओं से गरीब लोगों को सामाजिक एवं आर्थिक न्याय दिलाने की मुहीम चलाई। आज सरकार द्वारा वे समस्त जन कल्याणकारी योजनाएं बंद कर दी गयी है।

आज सभी देख रहे हैं कि पुरे प्रदेश में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है। कानून व्यवस्था ध्वस्त है। प्रदेश में गुंडाराज, जंगलराज व्याप्त है। पुलिस निर्दोष लोगों के एनकाउंटर में व्यस्त है। लखनऊ में पुलिस द्वारा मर्डर, बुलंदशहर की हिंसा,नोएडा में पुलिस द्वारा निर्दोष जितेन्द्र यादव को गोली मार देना, यह सब दर्शाता है कि कानून व्यवस्था का क्या हाल है। पुलिसकर्मी खुद सुरक्षित नहीं है एवं तथाकथित गोरक्षाको द्वारा आतंक फैलाया जा रहा है ऐसा लगता है कि भाजपा सरकार के लिए इंसानों से आधिक महत्वपूर्ण गोवंश हो गया है।

इस दौरान मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णां यादव ने शिवपाल यादव को शेर बताते हुए कहा कि आज का जनसैलाब इस बात का प्रूफ है कि शेर को चोट नहीं देनी चाहिये। उन्होंने लोगों से कहा कि आज बदलाव का समय है। कब तक गिनी चुनी पार्टी को मौका देंगे। 2019 में नए रूप में आगे आइये।

इसीक्रम शिवपाल के बेटे व पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आदित्य यादव ने कहा कि, आज तक बहुत लोगों ने समाजवाद के लिए काम किया। हम हिन्दू मुस्लिम की बात नहीं करेंगे। हम रोजगार के लिए बात करेंगे। हम अपनी सुरक्षा के लिए बात करेंगे। हम प्रगतिशील को ही अपना धर्म बनाएंगे। उसको आगे बढ़ाएंगे। योगी सरकार पर हमला करते हुए आदित्य ने कहा कि, आज लोग शहरों के नाम बदल रहे हैं। मैं कहता हूं कि अगर विकास करना है तो नए शहर बनाइए। इसको विकास कहते हैं। हमें समाजवाद को फिर से जिंदा करना होगा।

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के मंच पर मुलायम सिंह यादव, शिवपाल सिंह यादव, अपर्णा यादव, राज्यसभा सांसद सुखराम सिंह यादव, एमएलसी मधुकर जेटली, पूर्व मंत्री शादाब फातिमा, शारदा प्रताप व पूर्व विधायक राजेंद्र यादव मौजूद हैं।