लखनऊ: बसपा सुप्रीमो मायावती ने डा. भीमराव आंबेडकर की पुण्यतिथि पर भाजपा पर सीधे हमला बोला है। उन्होंने कहा कि भाजपा देवी-देवताओं को भी जातियों में बांट रही है और अब तो हनुमान जी को दलित बताया गया है। अब हनुमान मंदिरों को दलित पुजारियों के हवाले करने की मांग उठ रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार डा. आंबेडकर के संविधान को फेल साबित करने में जुटी हुई है।

मायावती ने गुरुवार को नई दिल्ली त्यागराज मार्ग स्थित अपने निवास पर डा. आंबेडकर की चित्र पर माल्यार्पण कर श्रद्धा-सुमन अर्पित किया। उनके निर्देश पर बसपा मूवमेंट की खास कर्मभूमि उत्तर प्रदेश के सभी मंडलों में संगोष्ठी व अन्य कार्यक्रम आयोजित किए गए। उन्होंने कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार सभी काम छोड़कर राम मंदिर अभियान में लग गई है। भाजपा व आरएसएस के लोग कह रहे हैं कि अयोध्या में मंदिर जरूर बनाएंगे। मतलब सरकार जनहित के काम छोड़कर मंदिर निर्माण के काम अगले चुनाव तक जरूर करने पर कटिबद्ध लग रही है।

उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं यह लोग वोटों व चुनावी स्वार्थ की राजनीति में देवी-देवताओं और आस्था को भी नहीं बख्श रहे हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हनुमान को दलित बता रहे हैं। उनका यह बयान देशभर में चर्चा का विषय बना हुआ है और यह मांग उठ रही है कि सभी हनुमान मंदिरों को दलित पुजारियों के हवाले कर दिया जाए। इन लोगों ने जाति के आधार पर पहले लोगों को बांटा और अब देवी-देवताओं को भी बांट रहे हैं। ऐसे लोगों से सजग रहने की जरूरत है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने गरीबों, मजदूरों, किसानों, अल्पसंख्यकों व एससी एसटी को संवैधानिक अधिकार नहीं दिया। अब भाजपा सरकार इन वर्गों की उपेक्षा करने में लगी है। केंद्र की भाजपा सरकार से दुखी किसान दिल्ली की सड़कों पर मार्च कर रहे हैं। किसानों का दुखड़ा यह है कि सरकारी खजाने का अरबों रुपया केंद्र सरकार मुफ्त में ही प्रीमियम चुकाने के नाम पर निजी क्षेत्र की बीमा कंपनियों की झोली में डालती जा रही है।
उन्होंने कहा कि 6 दिसंबर 1992 को अयोध्या में बाबरी विध्वंस करके संविधान व लोकतंत्र को कलंकित करने का काम किया गया। इसको सर्वसमाज के लोगों के साथ एससी, एसटी व ओबीसी के लोग कभी नहीं भूल सकते और न ही माफ कर सकते हैं।