बुलंदशहर: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गोकशी के शक में हिंसा ऐसी भड़की तीन गांवों की भीड़ जान लेने पर उतारू हो गई. गोकशी के शक के बाद भड़की हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और एक आम नागरिक की मौत हो गई. इतना ही नहीं, उपद्रवियों ने पुलिस चौकी फूंक दी और दर्जनों वाहनों को आग के हवाले कर दिया. हालांकि, अब इस मामले में जो एफआईआर दर्ज कराई गई है, उसके मुताबिक, इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की हत्या यानी भीड़ की हिंसा के मामले में योगेश राज को मुख्य आरोपी बनाया गया है. बुलंदशहर हिंसा में योगेश राज मुख्य आरोपी है और यही गौकशी मामले का शिक़ायतकर्ता भी है. बताया जा रहा है कि योगेशराज का संबंध बजरंग दल से है. वह जिला संयोजक बताया जाता है. हालांकि, पुलिस ने योगेश राज को गिरफ्तार कर लिया है.

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गोकशी की ख़बर पर भीड़ की हिंसा के मामले में 27 लोगों को नामज़द किया गया है. इन पर 17 धाराओं में मुक़दमा दर्ज किया गया है. यानी भीड़ की हिंसा के मामले में योगेश राज के साथ-साथ करीब 80 से 90 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज है. इनमें से 27 लोग नामजद हैं, वहीं 50 से 60 लोग अज्ञात हैं. भीड़ की हिंसा मामले में पुलिस ने अभी तक 5 लोगों को गिरफ्तार किया है और 4 को हिरासत में लिया है. इस मामले में सब इंस्पेक्टर सुभाष चंद्र ने एफआईआर दर्ज कराई है.

मुख्य आरोपी में यह स्पष्ट लिखा हुआ है कि मुख्य आरोपी योगेश राज भीड़ को बार-बार उकसा रहा था, जिसकी वजह से भीड़ उग्र हो गई. हालांकि, भीड़ हिंसा का मुख्य आरोपी योगेशराज ने भी गोकशी मामले में एफआईआर दर्ज कराई है. योगेशराज ने जो एफआईआर दर्ज कराई है, उसमें 7 लोगों को आरोपी बनाया गया है.

बुलंदशहर में भीड़ की हिंसा में शहीद हुए पुलिसकर्मी सुबोध कुमार सिंह के बेटे अभिषेक ने कहा कि मेरे पिता चाहते थे कि मैं एक अच्छा नागरिक बनूं जो धर्म के नाम पर समाज में हिंसा को नहीं उकसाता हो. आज मेरे पिता ने इस हिंदू-मुस्लिम विवाद में अपना जीवन खो दिया, कल किसके पिता अपना जीवन खोएंगे?