लखनऊ: जनपद बुलन्दशहर की स्याना थाना क्षेत्र में जिस प्रकार से दंगाइयों ने थाने में घेरकर पत्थरबाजी, आगजनी के साथ ही साथ पुलिस इन्सपेक्टर की हत्या की वह घोर निन्दनीय है। साथ ही प्रदेश सरकार की अर्कमण्यता को दर्शाती है और कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर सरकार की विफलता पर लगातार उठाये जा रहे सवालों की पुष्टि होती है।

प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता डाॅ0 उमाशंकर पाण्डेय ने आज जारी बयान में कहा कि जिलाधिकारी बुलन्दशहर द्वारा यह बताया जाना कि यह दंगा अवैध बूचड़खाने के चलते हुआ है बेहद हास्यास्पद है, क्योंकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2017 में प्रदेश के चुनावों के समय यह ऐलान किया था कि सत्ता में आते ही 24 घण्टे में सभी अवैध बूचड़खाने बन्द कर दिये जायेंगे, फिर यह अवैध बूचड़खाना कैसे चल रहा था? यह सुनिश्चित है कि जिले के अधिकारियों के सहयेाग एवं संरक्षण के बगैर यह अवैध बूचड़खाना संचालित नहीं हो सकता था तथा पुलिस एवं जिला प्रशासन की जानकारी में भी अवश्य ही रहा होगा। फिर प्रश्न यह उठता है कि लम्बे समय से संचालित अवैध बूचड़खाने को लेकर आज एकाएक ऐसी कौन सी परिस्थिति पैदा हुई जिससे इतना बड़ा दंगा हो गया कि पुलिस इन्सपेक्टर के साथ दो अन्य लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। शासन एवं प्रशासन लम्बे समय से चल रहे इस बूचड़खाने को बन्द करने में असफल क्यों रहा? कहीं यह भ्रष्टाचार या फिर सुनियोजित साजिश का नतीजा तो नहीं? जिला प्रशासन यह सूचना प्राप्त करने में पूर्णतया असफल रहा कि इतने लोग एकाएक कैसे इकट्ठा हो गये। ऐसा लगता है कि यह दंगा प्रायोजित था और जिला प्रशासन को इसकी कोई जानकारी नहीं मिल सकी। जिस प्रकार से लेागों की मृत्यु हुई है एवं थाने में खड़ी कार एवं मोटर साइकिलें जलाई गयी हैं तथा पुलिस दंगा नियन्त्रण करने में अक्षम साबित हुई है, यह सब इस बात का प्रमाण है कि प्रदेश में कानून एवं व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है और मुख्यमंत्री प्रदेश में अपना काम छोड़कर भारत के अन्य राज्यों में भ्रमण कर रहे हैं।

कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि इस दंगे की जांच हाईकोर्ट के वर्तमान न्यायाधीश से करायी जाये ताकि वास्तविकता पता चले और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले। इसके साथ ही प्रदेश सरकार ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाये ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके