श्रेणियाँ: लखनऊ

प्रो.शारिब रुदौलवी बहुआयामी व्यक्तित्व के मालिक: प्रो.फजले इमाम

लखनऊ। प्रो.शारिब रुदौलवी बड़े नक्काद नहीं बड़े फनकार हैं। उन्होंने तरक्कीपंसदी रूह को बेदार करने का काम किया है। यह बात इलाहाबाद यूनिवॢसटी के उर्दू के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो.फजले इमाम ने जश्ने शारिब के दूसरे दिन आज यहां कैफी आजमी अकादमी में तीसरे सत्र की अध्यक्षता करते हुए कही। इसी के साथ इस सत्र में बोलते हुए पत्रकार व सामाजिक कार्यकर्त्ता वंदना मिश्र ने कहा कि शारिब रुदौलवी की किताबों का हिंदी में अनुवाद किया जाना चाहिए।आखिरी सत्र के मुख्य अतिथि डा.निहाल रजा रूदौलवी ने कहा कि रूदौली में जल्दी ही डा.शारिब रूदौलवी के नाम पर सड़क व गेट बनेगा।उन्होंने रूदौली का नाम सारी दुनिया में फैलाया है । सत्र के दूसरे दिन प्रो.शारिब रूदौलवी के देश भर से आये १२ शार्गिदों ने अपने-अपने पेपर शारिब रुदौलवी पर पढ़े और उनको बहुआयामी व्यक्तित्व का मालिक बताया।

प्रो.फजले इमाम ने कहा कि आज के दौर में शागिर्द अपने उस्तादों को भूल जाते है । पीएचडी करने केे बाद शागिर्द अपने उस्ताद के बारे मेें उनका नाम तक नहीं लेते। लेकिन प्रो.शारिब रूदौलवी इस मामले में खुशनसीब है कि उनकी जिदंगी में ही उनके शार्गिदों ने इतना शानदार जश्न मनाया। उन्होंने कहा कि हमारी परम्परा है कि हम अपने उस्तादों का सम्मान करते हैं।

रूदौली से आये डा. निहाल रजा रूदौलवी ने कहा कि राज्यपाल राम नाईक ने प्रो.शारिब रूदौलवी को गहराई से समझा जबकि हम लोग उनको इतना नहीं समझ सके, उन्होंने कहा कि प्रो.शारिब ने रूदौली का नाम सारी दुनिया में रोशन किया। वंदना मिश्र ने कहा कि हम जब प्रो.शारिब रूदौलवी से मिलते है तो उनसे कुछ न कुछ सीखने को मिलता है। प्रो.शारिब रूदौलवी की किताबों का हिंदी में अनुवाद होना चाहिए।

पहले सत्र में बोलते हुए प्रो.शारिब रुदौलवी के सहपाठी तथा दूरदर्शन के पूर्व निदेशक विलायत जाफरी न कहा कि प्रो.शारिब रुदौलवी बहुत बहादुर व निडर भी है। आजादी के बाद जब दिल्ली का माहौल खराब था तब भी प्रो.शारिब रूदौलवी करोल बाग में घर ढूंढते हुए निकले। जर्मनी से आये प्रो.आरिफ नकवी ने कहा कि प्रो.शारिब रूदौलवी ने शुरु में ही शायरना मिजाज पाया था और एमए करते ही कैसरबाग बारादरी में हम लोगों नेे एक मुशायरा कराया और इसकेे लिए तत्कालीन राज्यपाल केएम मुंंशी को बुलाया था। शारिब रूदौलवी नेे शुरु से ही उर्दू की खिदमत की।

दूसरे सत्र के मुख्य अतिथि डा.एमआईएच फारूखी ने कहा कि प्रो.शारिब रूदौलवी का साइंसी जहन है, इस्लाम व सांइस में कही टकराव नहीं है। कुरान में कई सौ आयते सांइस पर है लेकिन आज मजहबी जलसों में सांइस पर बात करने पर लोग असहज महसूस करते हैं। उन्होंने कहा की आज जेएनयू में जो तरक्कीपंसद बातें की जा रही है वह देश की यूनिटी के लिए है। कार्यक्रम को एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष प्रो.डा.रमेश दीक्षित, इब्राहीम अल्वी आदि ने संबोधित किया जबकि प्रो.सिराज अजमली, शाहिद रजी, डा.नदीम अहमद, डा.अरशिया जबीं ,डा.परवेज अहमद, डा.रियाज अहमद, डा.मोहम्मद अरशद, डा.अरशद नियाजी, नूर फातिमा , डा.अशरफ अली आदि ने अपने पेपर पढ़े।

Share

हाल की खबर

टी20 वर्ल्ड कप 2024 के लिए भारतीय टीम का ऐलान

टी20 वर्ल्ड कप 2024 के लिए भारतीय टीम का ऐलान हो गया है. टीम की…

अप्रैल 30, 2024

रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद के 15 उत्पादों का लाइसेंस रद्द

देहरादून: उत्तराखंड सरकार के द्वारा योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को तगड़ा झटका…

अप्रैल 29, 2024

भारतीय संविधान और हिंदुत्व के पैरोकारों की अंतहीन बेचैनी

(आलेख : सुभाष गाताडे) लोकसभा चुनाव के प्रचार में कई भाजपा नेता संविधान बदलने के…

अप्रैल 29, 2024

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को वित्त वर्ष 2022-23 के लिए ईज़ 5.0 सुधार सूचकांक में दूसरा स्थान प्राप्त

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, भारत के सार्वजनिक क्षेत्र के अग्रणी बैंकों में से एक, को…

अप्रैल 29, 2024

मोदी जी की भाषा हार स्वीकार कर लेने वाली है: शाहनवाज़ आलम

फतेहपुर सीकरी, आगरा, 28 अप्रैल 2024. कमज़ोर तबकों के सामने संविधान बचाने का आख़िरी मौक़ा…

अप्रैल 28, 2024

मोहसिना की कोठी क्या तनुज की राह करेगी आसान, क्या टोटका करेगा काम?

ब्यूरो चीफ फहीम सिद्दीकी बाराबंकी। मोहसिना क़िदवई, राजनीतिक गलियारे का एक बहुत कद्दावर नाम। नब्बे…

अप्रैल 28, 2024