नई दिल्ली: पंजाब नेशनल बैंक के साथ दो अरब डॉलर के धोखाधड़ी मामले के फरार मुख्य आरोपी हीरा कारोबारी नीरव मोदी को डर है कि उसे भारत में आने पर पीट-पीटकर मार दिया जाएगा क्योंकि यहां उसे राक्षस ”रावण” के रूप में देखा जाता है। नीरव के वकील ने शनिवार को मुंबई में मनी लांडरिंग मामलों की सुनवाई करने वाली एक विशेष अदालत के सामने यह बात कही। हालांकि, जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ने नीरव के वकील के दावे को खारिज करते हुए कहा कि यदि अभियुक्त (नीरव मोदी) को “जान का खतरा” लगता है तो उन्हें पुलिस में शिकायत करनी चाहिए। प्रवर्तन निदेशालय ने नीरव मोदी को भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम के तहत भगोड़ा घोषित करने के लिए एम एस आजमी की अदालत में अर्जी लगा रखी है। इसके खिलाफ नीरव के वकील विजय अग्रवाल ने शनिवार को अपनी दलीलें पेश कीं।

प्रवर्तन निदेशालय की अर्जी के खिलाफ नीरव मोदी ने अपने वकील के माध्यम से कहा कि उनके पास अपनी पूंजी के बारे में कोई रिकार्ड या आकड़े नहीं हैं। ईडी ने नीरव मोदी के ”जान के खतरे” की दलील को इस मामले में “अप्रासंगिक” बताया। ईडी की ओर से कहा गया कि नीरव मोदी समन और ई-मेल प्राप्त करने के बावजूद जांच में सहयोग करने के लिए हाजिर नहीं हुआ। इससे यह पता चलता है कि वह भारत वापस आना ही नहीं चाहता। हालांकि, अग्रवाल ने कहा कि उनके मुवक्किल ने जांच एजेंसियों के ई-मेल का जवाब दिया था और “सुरक्षा संबंधी कारणों” से वापस आने में असमर्थता जताई थी।

उन्होंने कहा, “नीरव मोदी ने सीबीआई और ईडी दोनों के लिए भेजे पत्र में कहा था कि उन्हें भारत में जान का खतरा है इसलिये वह जांच में शामिल नहीं हो सकते हैं।” नीरव ने अग्रवाल के माध्यम से कहा, ” भारत में मेरा (नीरव मोदी) 50 फुट ऊंचा पुतला फूंका गया …मेरी तुलना ”रावण” से की जा रही थी। मुझे बुराई के रूप में और बैंक धोखाधड़ी जीता जागता उदाहरण बनाकर पेश किया गया।” अग्रवाल ने दावा किया कि नीरव मोदी को भगोड़ा घोषित नहीं किया जा सकता है क्योंकि जांच एजेंसी ने भगोड़ा आर्थिक अपराधी अधिनियम के तहत इस संबंध में जरूरी औपचारिकताएं पूरी नहीं की हैं।