नई दिल्ली: अपनी मांगों को लेकर विभिन्न राज्यों के किसान दिल्ली के रामलीला मैदान पहुंच गए हैं. किसान इस बार सिर्फ दो मांगों को लेकर यह आंदोलन कर रहे हैं. उनकी पहली मांग है कि उन्हें कर्ज से पूरी तरह मुक्ति दी जाए और दूसरी अपनी दूसरी मांग में फसलों की लागत का डेढ़ गुना मुआवजा चाहते हैं. ऐतिहासिक रामलीला मैदान पर लाल टोपी पहने और लाल झंडा लिए किसानों ने 'अयोध्या नहीं, कर्ज माफी चाहिए' जैसे नारे लगाए. वे रात रामलीला मैदान में ही बिताएंगे और शुक्रवार को अपनी मांगों को लेकर संसद की तरफ मार्च करेंगे. मैदान सुबह साढ़े 10 बजे से भरना शुरू हो गया जब दिल्ली और हरियाणा तथा पंजाब के किसान जुटने लगे. करीब 13 हजार लोग मैदान में पहुंच चुके हैं और कई अब भी रास्ते में हैं.

आयोजकों ने कहा कि कुछ मैदान में लगे टेंट में सोएंगे वहीं कुछ पास के गुरुद्वारों में चले जाएंगे. ऑल इंडिया किसान सभा के नेता अतुल अंजान ने कहा, 'दिल्ली जल बोर्ड हमें पानी के टैंकर मुहैया कराएगा. 'आप' के स्थानीय विधायक हमें खाने के पैकेट देंगे. दिल्ली क्षेत्र के पांच गुरुद्वारे हमारा सहयोग कर रहे हैं. बंगला साहिब गुरुद्वारा, शीशगंज साहिब, रकाबगंज, बाप साहिब और मजनूं का टीला रात में किसानों के रुकने की व्यवस्था करेंगे.'

उन्होंने कहा कि 'आप' के कार्यकर्ताओं ने आनंद विहार रेलवे स्टेशन पर टेंट लगाए हैं. पुलिस ने बताया कि शुक्रवार को रामलीला मैदान से संसद मार्ग की तरफ किसानों के मार्च शुरू करने के मद्देनजर सुरक्षा के विस्तृत प्रबंध किए गए हैं. पुलिस ने कहा कि किसानों के मार्च के दौरान सड़कों के दोनों तरफ रस्सी होगी और दूसरी तरफ पुलिस तैनात होगी ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि यातायात प्रभावित नहीं हो.