नई दिल्ली: मोदी सरकार ने जीडीपी का बैक सीरीज डेटा जारी किया। इसमें ज्यादा सेक्टर शामिल किए गए हैं ताकि जीडीपी की गणना ठीक से हो और देश के सामने सही आंकड़े आए। सरकार ने 2004-05 के बदले जीडीपी का साल बदलकर 2011-2012 किया है। इन आंकडों में ताजा सर्वे और सेंसस के डेटा को शामिल किया गया है। इसको लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम बेहद नाराज हैं उन्होंने इसे लेकर नीति आयोग पर हमला बोला है।

दरअसल नीति आयोग के वाइस चेयरमैन राजीव कुमार और MOSPI सेक्रेटरी प्रवीण श्रीवास्तव ने बुधवार को जीडीपी का संशोधित आंकड़ा जारी किया था जिसमें आंकड़ों को 2004- 05 के आधार वर्ष के बजाय 2011- 12 के आधार वर्ष के हिसाब से संशोधित किया गया है।

पी चिदंबरम ने इसको लेकर आक्रोश जताते हुए ट्वीट किया है जिसमें लिखा, 'नीति आयोग के संशोधित GDP आंकड़े एक मजाक हैं. वे एक बुरा मजाक हैं,असल में वे एक बुरे मजाक से भी बदतर हैं..'

इसके अलावा इसमें नई सीरीज के रिटेल और थोक महंगाई के आंकड़े भी जोड़े गए हैं। इसमें स्टॉक ब्रोकर, म्यूचुअल फंड कंपनी, सेबी, पीएफआरडीए और आईआरडीए को भी शामिल किया गया है। राजीव कुमार के मुताबिक 2004-05 और 2011-12 के बेस ईयर बदलने पर एक कमेटी ने जीडीपी में 3 लाख करोड़ का अंतर बताया था।

चीफ स्टेटेशियन प्रवीण श्रीवास्तव के मुताबिक वित्तवर्ष 2012 के लिए जीडीपी को 6.6 फीसदी से घटाकर 5.2 फीसदी किया गया है। 2011-12 सीरीज के हिसाब से वित्तवर्ष 2013 के लिए जीडीपी 5.5 फीसदी, वित्तवर्ष 2014 के लिए 6.4 फीसदी है।

नई सीरीज के हिसाब से वित्तवर्ष 2015 के लिए जीडीपी 7.4 फीसदी, वित्तवर्ष 2016 के लिए 8.2 फीसदी और वित्तवर्ष 2017 के लिए 7.1 फीसदी है। प्रवीण श्रीवास्तव के मुताबिक पुरानी और नई सीरीज के आंकड़ों की तुलना नहीं की जानी चाहिए।

वित्तवर्ष 2006 में पुरानी सीरीज के हिसाब से 9.3 फीसदी जीडीपी ग्रोथ थी जो नई सीरीज में 7.9 फीसदी है। वहीं वित्तवर्ष 2007 में पुरानी सीरीज के हिसाब से जीडीपी ग्रोथ 9.3 फीसदी थी वो घटकर 8.1 फीसदी हो गई। वित्तवर्ष 2008 में पुरानी सीरीज में जीडीपी 9.8 फीसदी था जो नई सीरीज में 7.7 फीसदी हो गया।

वित्तवर्ष 2009 में जीडीपी की दर पुरानी सीरीज में 3.9 फीसदी और नई सीरीज में 3.1 फीसदी है। इसी तरह वित्तवर्ष 2010 में पुरानी सीरीज के हिसाब से जीडीपी की दर 8.5 फीसदी थी जो नई सीरीज में 7.9 फीसदी हो गई।

वित्तवर्ष 2011 में पुरानी सीरीज के हिसाब से जीडीपी की दर 10.3 फीसदी थी जो नई सीरीज में 8.5 फीसदी हो गई। इसी तरह वित्तवर्ष 2012 में जीडीपी की दर पुरानी सीरीज के हिसाब से 6.6 फीसदी थी जो 5.2 फीसदी हो गई। इस दौरान यूपीए का कार्यकाल था।