लखनऊ।सर्दी का मौसम किसे अच्छा नहीं लगता लेकिन जब इस सर्दी में खांसी, जुकाम एवं श्वांस संबंधी बीमारियाँ हो जायें तो सर्दी का मजा फीका पड़ जाता है। आमतौर पर ये बीमारियाँ तापमान में होने वाले बड़े बदलाव एवं बदलते मौसम में किसी भी व्यक्ति के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता के कम हो जाने के कारण होती हैं। ऐसे में हजारों वर्षों से प्रसिद्ध, लाखों-करोड़ों लोगों द्वारा सफलता पूर्वक आजमाया हुआ आयुर्वेदिक उत्पाद च्यवनप्रास काफी राहत देता है। डाबर च्यवनप्राश का सेवन न केवल हमारी रोग-प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाकर हमें इस सीजन में प्रायः होने वाली खांसी, जुकाम जैसी बीमारियों से बचाता है बल्कि हमारे शरीर के अनेक अंगों की क्रियाओं को अच्छा करता हुआ शरीर को बलशाली भी बनाता है।

डाबर का प्रमुख हेल्थकेयर ब्रांड डाबर च्यवनप्राश ने आज देशभर में स्वास्थ्य सुविधाओं से वंचित बच्चों को सुरक्षित रखने के उद्देश्य से एक मेगा जागरूकता पहल की शुरूआत की घोषणा की। इस पहल के तहत, डॉ. परमेश्वर अरोड़ा, एमडी (ए.वाई.) बीएचयू वाराणसी स्वर्णपदक विजेता और वरिष्ठ सलाहकार-सर गंगाराम अस्पताल-दिल्ली-के साथ मिलकर डाबर च्यवनप्राश ने परिवर्तनशील मौसम, सामान्य बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने के लिए एक मजबूत प्रतिरक्षा प्रणाली बनाने की आवश्यकता पर बच्चों को शिक्षित करने के लिए प्रतिरक्षा सत्र आयोजित किया।

आज इस अभियान को लखनऊ में श्रीमद दयानंद बालसदन के 100 से अधिक बच्चों के लिए आयोजित एक विशेष सत्र के साथ शुरू किया गया। इस सत्र का उद्देश्य सर्दियों में बीमारी से लड़ने के लिए बच्चों के बीच जागरूकता पैदा करना था। बच्चों को बुनियादी स्वच्छता और पौष्टिक आहार के माध्यम से अपनी प्रतिरक्षा को बढ़ावा देने के तरीकों में भी शिक्षित किया गया।

इस अवसर पर बोलते हुए, डाबर इंडिया लिमिटेड के कॉर्पोरेट कम्युनिकेशंस हेड-श्री ब्यास आनन्द ने कहा डाबर च्यवनप्राश 100 से अधिक वर्षों से हर भारतीय को सबसे मजबूत प्रतिरक्षा प्राप्त करने में मदद के लिए प्रतिबद्ध है। यह पहल इस प्रतिबद्धता की दिशा में एक छलांग है। हम शीतलहर के बारे में चिंतित हैं जो हर साल कई जान ले लेती है। इस पहल के माध्यम से, हम इन बच्चों को च्यवनप्राश प्रदान करने के अलावा प्रतिरक्षा के महत्व को उजागर करके वंचित बच्चो ंको सुरक्षा प्रदान करने का प्रयास करेंगे। इस अभियान के तहत, डाबर च्यवनप्राश भारत के 12 शहरों लखनऊ, वाराणसी, अमृतसर, जयपुर, अहमदाबाद, कोलकाता, पटना, भोपाल, रायपुर, पुणे, नागपुर और चंडीगढ़ के अग्रणी गैरसरकारी संगठनों के साथ हाथ मिला चुके हैं।
डॉ परमेश्वर अरोड़ा, एमडी (आयुर्वेद), बीएचयू, सर गंगाराम अस्पताल, दिल्ली, ने कहा कि मौसम परिवर्तन के चक्रों के दौरान अचानक तापमान परिवर्तन होता है, जो खांसी, ठंड और फ्लू जैसे संक्रमण औरबीमारियों का कारण है। सर्दी और खांसी, श्वसन समस्याओं, अल्प प्रतिरक्षा जैसी बीमारियों से लड़ने का एक प्रभावी तरीका प्रतिरक्षा में वृद्धि है। डाबर च्यवनप्राश हमारी अंदरूनी प्रतिरक्षा आवश्यकताओं को बढ़ाने का एक प्रभावी समाधान है।

च्यवनप्राश लगभग 3000 वर्ष पुरानी प्रसिद्ध आयुर्वेदिक फॉर्मूलेशन है, जो प्रतिरक्षा को बढ़ावादेने के लिए प्रयोग किया जाता है और खांसी और सर्दी जैसे दैनिक संक्रमण के खिलाफ प्रतिरोध प्रदान करता है।डाबर च्यवनप्राश का मुख्य घटक अमला है जो प्रतिरक्षा वर्धकगुणों के लिए जाना जाता है। गुडुची, पिपाली, शतावरी, विदरिकंद, हरितकी, कंटकारी, ककादाशीनी, भुम्यामाकी, वसाका, पुष्करमुल, प्रिशिपिपर्नी, शालपर्नी आदि जैसे अन्य तत्व सामान्य संक्रमण और श्वसनतंत्र की एलर्जीको कम करने में मदद करते हैं। डाबर च्यवनप्राश इन जड़ीबूटियों और अवयवों का सही मिश्रण है जो सर्दियों के मौसम में बेहतर स्वास्थ्य के लिए प्रतिरोधक शक्ति प्रदान करता है।