पहले टी20 में ऑस्ट्रेलिया से ज़यादा रन बनाकर भी हारा भारत

ब्रिस्बेन: आॅस्ट्रेलिया ने ब्रिस्बेन के गाबा मैदान में खेले गए पहले टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में भारत को डकवर्थ लुईस सिस्टम से 4 रन से हरा दिया। टॉस हारने के बाद पहले बल्लेबाजी करते हुए आॅस्ट्रेलियाई टीम ने जब 16.1 ओवर में 3 विकेट के नुकसान पर 153 रन बना लिए थे तभी जोरदार बारिश के कारण खेल रोकना पड़ा। खेल जब दोबारा शुरू हुआ तो मैच को संशोधित करके 17-17 ओवर्स का कर दिया गया। इस तरह आॅस्ट्रेलिया ने बाकी बचे 5 गेंदों में ग्लेन मैक्सवेल का विकेट गंवाकर अपने स्कोर में 4 रन और जोड़े और 17 ओवर्स में 4 विकेट पर 158 रन बनाकर अपनी पारी खत्म की। मार्कस स्टॉयनिस 19 गेंद पर 33 रन बनाकर नॉटआउट लौटे। ग्लेन मैक्सवेल ने 23 गेंद पर 46 रन की पारी खेली। भारतीय टीम ने 17 ओवर में 7 विकेट पर 169 रन बनाए यानी आॅस्ट्रेलिया से 11 रन ज्यादा। लेकिन डकवर्थ लुईस नियम से वह 4 रन से मुकाबला हार गई।

भारतीय टीम को डकवर्थ लुईस सिस्टम के जरिए 17 ओवरों में 174 रनों का संशोधित लक्ष्य मिला। लेकिन भारतीय टीम निर्धारित ओवरों में 7 विकेट पर 169 रन ही बना सकी और लक्ष्य से 4 रन दूर रह गई। बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए शिखर धवन ने भारत को तेज शुरुआत दी। लेकिन दूसरे छोर से उन्हें किसी बल्लेबाज का अच्छा साथ ​नहीं मिला। रोहित शर्मा जब भारत का स्कोर 35 रन था सिर्फ 7 रन बनाकर बेहरेनडोर्फ की गेंद पर आरोन फिंच को कैच थमाकर पवेलियन लौट गए। इसके बाद बल्लेबाजी के लिए आए लोकेश राहुल भी 13 रन बनाकर एडम जम्पा की गेंद पर एलेक्स कैरी के द्वारा स्टंप आउट होकर पवेलियन लौट गए। कप्तान विराट कोहली भी 4 रन बनाकर जम्पा के शिकार बने। क्रिस लिन ने उनका कैच लपका। एडम जम्पा को 'मैन आॅफ द मैच' चुना गया। उन्होंने अपने 4 ओवर के कोटे में 22 रन देकर केएल राहुल और विराट कोहली का विकेट बेहद महत्वपूर्ण विकेट झटका।

भारत को सबसे बड़ा झटका तब लगा जब शानदार बल्लेबाजी कर रहे शिखर धवन बिली स्टेनलेक की गेंद पर जेसन बेहरेनडोर्फ के हाथों कैच आउट होकर पवेलियन लौट गए। शिखर ने 42 गेंदों में 10 चौकों और 2 छक्कों की मदद से 76 रन की बेहतरीन पारी खेली। अब भारत को जीत के लिए 32 गेंदों में 69 रन की दरकार थी। रिषभ पंत और दिनेश कार्तिक की जोड़ी क्रीज पर थी। एक समय इन दोनों ने भारत की मैच में वापसी भी करा दी ​थी। पांचवें विकेट के लिए इन दोनों बल्लेबाजों ने 23 गेंदों में 51 रन की साझेदारी की। जब भारत का स्कोर 156 रन था तभी रिषभ पंत को एंड्रयू टॉय ने बेहरेनडोर्फ के हाथों कैच करा दिया। पंत ने 15 गेंदों में 1 चौके और 1 छक्के की मदद से 20 रन बनाए। अब भारत को जीत दिलाने का सारा दारोमदार दिनेश कार्तिक के कंधों पर था। रिषभ पंत के आउट होने के बाद क्रुणाल पंड्या क्रीज पर दिनेश कार्तिक का साथ निभाने के लिए उतरे। भारत को जीत के लिए 9 गेंदों में 18 रन बनाने थे। एंड्रयू टॉय के बाकी बचे तीन गेंदों में 4 रन बने, जिसमें आखिरी गेंद पर दिनेश कार्तिक का चौका शामिल था।

अब भारत को जीत के लिए आखिरी ओवर में 13 रन चाहिए ​था और स्ट्राइक क्रुणाल पंड्या के पास थी। आखिरी ओवर की जिम्मेदारी आरोन फिंच ने मार्कस स्टॉयनिस को सौंपी थी। स्टॉयनिस की पहली गेंद पर क्रुणाल ने 2 रन लिए। दूसरी गेंद पर वह कोई रन नहीं बना सके। भारत को 4 गेंद में 11 रन चाहिए थे। तीसरी गेंद पर क्रुणाल पंड्या कैच आउट होकर पवेलियन लौट गए लेकिन स्ट्राइक दिनेश कार्तिक के पास थी। कार्तिक ने चौथी गेंद पर बड़ा शॉट लगाना चाहा लेकिन मिस टाइम होने के कारण बेहरेनडोर्फ ने बाउंड्री लाइन पर उनका कैच लपका। इसी के साथ भारत के जीत की उम्मीद समाप्त हो गई। आखिरी दो गेंदों में 11 रन चाहिए थे। लेकिन भुवनेश्वर ने 5वीं गेंद पर सिंगल और कुलदीप ने आखिरी गेंद पर चौका जड़कर हार का अंतर कम किया। इस तरह भारतीय टीम 17 ओवर में आॅस्ट्रेलिया (158-4) से ज्यादा 11 रन ज्यादा (169-7) बनाने के बावजूद डकवर्थ लुईस नियम से 4 रन से मुकाबला हार गई।