स्पेशल डायरेक्टर अस्थाना के खिलाफ जांच का जिम्मा देख रहे एमके सिन्हा का सनसनीख़ेज़ आरोप

नई दिल्ली: सीबीआई के डीआईजी एमके सिन्हा ने एनएसए अजीत डोवाल पर सनसनी ख़ेज़ आरोप लगाए हैं। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में दर्ज याचिका में उन्होंने कहा कि एनएसए डोवाल ने सीबीआई के स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना के खिलाफ जांच को प्रभावित किया है और छापेमारी में बाधाएं खड़ी की है। रिश्वत लेने के आरोपी अस्थाना के खिलाफ जांच का जिम्मा देख रहे एमके सिन्हा का कहना है कि केस में शामिल दो बिचौलियों का डोवाल के साथ करीबी रिश्ते हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मामले में शिकायतकर्ता सना सतीश बाबू ने बताया है कि सीबीआई केस में मदद मुहैया कराने के लिए केंद्रीय कोयला और खान राज्य मंत्री हरिभाई चौधरी को करोड़ों रुपये घूस के रूप में दिए गए हैं। चौधरी गुजरात से सांसद हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी बताए जाते हैं।

याचिका में यह भी कहा गया है कि भारत की खूफिया एजेंसी ‘रॉ’ के अधिकारी सामंत गोयल की कॉल रिकॉर्डिंग भी मौजूद है जिसमें वह कह रहे हैं, ”पीएमो ने सीबीआई के मुद्दे को मैनेज कर लिया है।” सिन्हा का कहना है कि इस बातचीत वाली रात को ही अस्थाना मामले में जांच करने वाली पूरी सीबीआई टीम को हटा दिया गया। सिन्हा ने यह भी दावा किया है कि सना सतीश बाबू ने मोइन कुरैशी मामले में केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी) कमिश्नर केवी चौधरी से भी मुलाकात की। यह मीटिंग यूनियन लॉ सेक्रेटरी सुरेश चंदा ने 11 नवंबर को करायी।

याचिका में एमके सिन्हा ने कहा है, “मनोज प्रसाद (अस्थान मामले में गिरफ्तार बिचौलिया) के मुताबिक उसके पिता दिनेश्वर प्रसाद और जॉइंट सेक्रेटरी पद से रिटायर्ड सोमेश के अजित डोवाल (एनएसए) से अच्छे संबंध रहे हैं।” सिन्हा का कहना है कि जब मनोज को सीबीआई दफ्तर जांच के लिए लाया गया तब वह बुरी तरह बौखलाया हुआ था। वह हैरान था कि एनएसए डोभाल के साथ उसके अच्छे संबंध होने के बावजूद सीबीआई उसे कैसे उठा सकती है। याचिका में यह भी दावा किया गया है कि मनोज प्रसाद ने दावा किया है कि समोश और समंत गोयल ने अजित डोवाल के निजी और महत्वपूर्ण काम किए हैं।