भोपाल: मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों के लिए नेताओं का चुनाव प्रचार चरम पर है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रचार के दौरान चुनावी सभाओं में अपने भाषण का अंदाज बदलते हुए कांग्रेस पर तीखे हमले शुरू कर दिए। शिवराज ने कहा कि, कांग्रेसी अब क्या भागवत कथा और मंदिर में जाने पर भी पाबंदी लगाएंगे। सामाजिक व सांस्कृ़तिक संगठन पर रोक लगाने की बात कांग्रेस कैसे कर सकती है। कांग्रेस तो एक वर्ग विशेष का वोट हासिल करने के लिए बंद कमरों में गोपनीय बैठक तक कर रही है और कहती है कि सरकार में आए तो सब ठीक कर देंगे। मैं कांग्रेस की इस मानसिकता को ही ठीक कर दूंगा। शिवराज का यह बयान संघ शाखाओं को लेकर उपजे विवाद के बाद आया है।

मध्यप्रदेश चुनावों के मद्देनजर ताबड़तोड़ रैलियों से बीजेपी का प्रचार कर रहे शिवराज ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा था कि, मुद्दों और विकास से हट कर कांग्रेस अपने मूल चरित्र पर आ गई है कि फूट डालो और सत्ता हासिल करो। सीएम शिवराज चुनाव प्रचार के दौरान कमलनाथ के गढ़ छिंदवाड़ा भी पहुंचे थे। छिंदवाड़ा की चौरई विधानसभा के चांद क्षेत्र में सीएम शिवराज ने कांग्रेस के दिग्गज नेता कमलनाथ को मिस्टर कमलनाथ कह कर निशाने पर लिया।

सभा के दौरान बातचीत में मुख्यमंत्री ने यह संकेत भी दिए कि भाजपा में जितने भी असंतुष्ट मैदान में हैं, उनसे पार्टी उम्मीदवारों को ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा। उन्होंने कहा कि एक-दो दिन बाद कार्यकर्ता उनके पीछे से हट जाएंगे फिर हर असंतुष्ट हजार-दो हजार और ज्यादा से ज्यादा पांच हजार वोटों का आदमी रह जाएगा।

शिवराज के हमले पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने जवाब में कहा कि, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह विकास के नाम पर कर्ज लेकर देश को कर्ज में डुबोने का आरोप लगाया है। गुरुवार को उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार उधार लेकर घी पी रही है। उन्होंने कहा सरकार वित्तीय संकट से जूझ रही थी, लेकिन शिवराज ने चुनाव आचार संहिता लगने के पहले हजारों करोड़ की घोषणाएं बिना सोचे-समझे कर डाली।