लखनऊ: राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के महाधिवेशन को सम्बोधित करते हुए प्रदेश के न्यायमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि कर्मचारियों के बिना न राज्य सरकार चल सकती है न ही केन्द्र सरकार को चलाया जा सकता है। सरकार की हर योजना, विकास कार्य जनता से जुड़े कामों को बिना कर्मचारियों के सहयोग से नही किया जा सकता। ऋण माफी हो, किसानों को खाद, पानी, बिजली, जनता के लिए सड़क से लेकर राशन कार्ड से लेकर पेयजल व्यवस्था तक का काम बिना कर्मचारियों के सहयोग के नही किया जा सकता। आप हमारी साॅस है और हम आपकी आत्मा है। हमारा बड़ा परिवार है इसलिए चिन्ताएं भी काफी है।प्रदेश में योगी जी की सरकार पूरी तरह से संवेदनशील है। सरकार का हर संवर्ग से सीधे संवाद है। आपकी चिन्ता में हमारी सरकार भी शामिल है। मुझे आपकी समस्याओं को उस स्तर तक पहुंचाने के मौका मिला है जहाॅ इसका समाधान होना है। मै इसके लिए पूरी तरह से डाकिए की भूमिका उसी तरह निभाऊगा जैसे बैंरग लिफाफे को पहुंचाने में डाकिए करते है। प्रमुख अतिथि प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने अपने सम्बोधन में कहा कि उत्तर प्रदेश की राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद का जो स्वरूप है। वैसे कर्मचारी संगठन विश्व मंें कम ही नजर आते है। मै व्यक्तिगत रूप से आपके नेतृत्व को जानता हूॅ। उनकी कार्यक्षमता सभी को आकृर्षित करती है। मै कार्यपालिका फिर न्यायपालिका और वर्तमान में विधायिका का काम देख रहा है। कर्मचारियों से मै सीधे रूबरू रहा हॅॅू। निश्चित तौर पर तीस से बत्तीस साल के बाद पेंशन को लेकर कर्मचारी निश्चित रहता है। वह उसके बूढ़ापे का सहारा है। आपके आन्दोलन के बाद सरकार ने जिस तरह से समिति बनाने का निर्णय लिया वह इस बाॅत का संकेत सरकार पुरानी पेंशन बहाली मामले में गम्भीर है। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने अपने सम्बोधन में पुरानी पेंशन बहाली को लेकर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद, शिक्षक संघ तथा विभिन्न घटक संघों के माध्यम किए गए आन्दोलन के उपरान्त हमें मेज पर चर्चा करनी थी हमने की है। मुख्यमंत्री स्तर पर वार्ता के उपरान्त हमने सरकार को दो माह का समय दिया है। इस तय समय में अगर सरकार ने पुरानी पेंशन पर स्पष्ट आदेश न दिया तो हड़ताल के बाद हम लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करेगें। इस दौरान लेखपाल संघ के प्रदेश अध्यक्ष राममूरत यादव ने राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अधिवेशन में बड़ा ऐलान करते हुए लेखपाल संघ को परिषद में शामिल होने की घोषणा करते हुए हर आन्दोलन में अपनी सक्रिय भागीदारी का विश्वास जताया। अधिवेशन को डा.दिनेश चन्द्र शर्मा, बाबा हरदेव, भूपेश अवस्थी, यदुवीर सिंह,संतोष तिवारी,निर्मल श्रीवास्तव, पूर्व अध्यक्ष परिषद राम जी अवस्थी, बी.एल.कुशवाहा,डिप्लोमा इंजीनियर महासंघ के पूर्व अध्यक्ष, इ.विष्णु तिवारी,इ.एस.पी.मिश्रा,. इ.एस.पी.गुप्ता, रेनू शुक्ला,संजीव गुप्ता, बी.एस.डोलिया, धर्मेंद्र सिंह, अमिता त्रिपाठी,अविनाश चंद्र श्रीवास्तव, हेमन्त श्रीवास्तव,सुभाष चंद्र तिवारी,रामसुरेश, रामफेर पाण्डेय, त्रिलोक सिंह, अनुज शुक्ला, अमरजीत मिश्रा, सरनाम सिंह, ने सम्बोािधत किया

अधिवेशन के दूसरे सत्र में खुले अधिवेशन में अध्यक्ष पद पर नामांकन के उपरान्त निर्वाचन अधिकारी पूर्व अध्यक्ष परिषद रामजी अवस्थी, सहायक निर्वाचन अधिकारी इं. एस.पीत्र मिश्रा, इं. जी.एन. सिंह ने हरिकिशोर तिवारी को पुन: निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित घोषित किया। इसके साथ ही वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद पर राममूरत यादव,महामंत्री पर पर पुनः शिवबरन ंिसंह यादव और सम्प्रेक्षक के पद पर कुसुमाकर पाण्डेय निर्वाचित हुए। मीडिया प्रभारी मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि अध्यक्ष पद पर हरिकिशोर तिवारी लगातार पाॅचवी बार चुने गए। निर्वाचन के उपरान्त अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि हम हड़ताल की घोषणा के उपरान्त अगर मुख्यमंत्री से वार्ता के उपरान्त बनी समिति के गठन के बाद भी हड़ताल पर चले जाते तो यह उचित न होता। हमने कर्मचारी हित में सरकार के अनुरोध पर उन्हें दो माह का समय दिया है। निश्चित तौर पर किसी बड़े मसले को हल करने में वार्ता ही मुख्य रास्ता है। हमने उसका अनुसरण किया है। अगर इसके बाद भी सरकार ने हमें निश्चित समय पर पुरानी पेंशन का आदेश जारी नही किया तो यह तय माना जाए कि हम सरकार से दो हाथ करने को तैयार है। पहले हड़ताल और फिर लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का निर्णय हम सब मिलकर ले चुके है। अधिवेशन में परिषद के समस्त घटक संघों के अध्यक्ष महामंत्रियों सहित आमंत्रित प्रतिनिधियों ने भाग लिया।