लखनऊ: प्रदेश की मौजूदा सरकार में उत्तर प्रदेश के किसान अपने आपको बहुत ही पीड़ित और अपमानित महसूस कर रहे हैं। वर्तमान समय में रवी फसल की बुआई का सीजन चल रहा है किसान को न तो अभी तक अपने पिछले सत्र के बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान मिल पा रहा है न ही उत्पादित खरीफ फसल खाद, मक्का आदि का सरकारी घोषित समर्थन मूल्य पर खरीद हो रही है जिसके चलते किसान को अपनी फसल औने-पाने दामों में बिचैलियों के हाथों बेंचने को विवश होना पड़ रहा है। प्रदेश का किसान त्राहि-त्राहि कर रहा है और सरकार आत्ममुग्ध है।

उ0प्र0 कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता बृजेन्द्र कुमार सिंह ने आज जारी बयान में कहा कि अपने चुनावी घोषणा पत्र में एवं हर मंच पर किसानों की आय को दुगुना करने का ढिंढोरा पीटने वाली भाजपा की केन्द्र एवं प्रदेश सरकार के शासनकाल में किसानों की आय दस गुना बढ़ गयी है, डीएपी खाद का दाम साढ़े तीन सौ रूपये प्रति कुन्तल बढ़ गया है वहीं खाद की 50 किलो की बोरी घटाकर 45 किलो कर दिया गया है जो किसानों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ है वहीं छुट्टा जानवरों के आतंक से बुआई से पहले अपने खेतों में बाड़ लगाने के लिए तार और खम्भे की खरीद में लाखों रूपये खर्च करने पड़ रहे है। सरकार ने इन छुट्टा जानवरों से किसानों की फसल बचाने के लिए तमाम हवाहवाई घोषणाएं की थीं जो हवा हवाई साबित हुई हैं। भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने हर कदम पर किसानों को साथ सिर्फ धोखा देने का काम किया है।

कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि सरकार अविलम्ब 15 दिन के अन्दर गन्ना मूल्य बकाया भुगतान सुनिश्चित कराये, न्यायपंचायत स्तर पर खरीफ फसल धान एवं मक्का आदि की सरकारी खरीद सुनिश्चित करे वहीं छुट्टा जानवरों से फसल को बचाने के लिए किसान को बाड़ एवं खम्भा लगाने के लिए आर्थिक अनुदान प्रदान करे।