बेंगलुरु: केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार का सोमवार सुबह बेंगलुरु के एक अस्पताल में निधन हो गया। 59 साल के अनंत कुमार काफी लंबे समय से बीमार थे उन्हें कैंसर था। अनंत कुमार के निधन पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित कई केंद्रीय मंत्रियों ने शोक व्यक्त किया है। उनका लंदन और अमेरिका में भी इलाज चला था। पिछले कई दिनों से उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था।

खबरों के मुताबिक, उनके शव को अंतिम दर्शन के लिए बेंगलुरु के नेशनल कॉलेज में रखा जाएगा। उनके निधन पर कर्नाटक में तीन दिन का शोक घोषित किया गया है। यहीं नहीं कर्नाटक में आज एक दिन की छुट्टी भी घोषित की गई है। गृह मंत्रालय ने कहा है कि अनंत कुमार के निधन पर देशभर में आज राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। कर्नाटक की राजनीति में उनका अहम योगदान था और वह बेंगलुरु दक्षिण से 1996 से ही लगातार 6 बार सांसद रहे थे। प्रधानमंत्री ने अनंत कुमार के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए लिखा, 'वह इस दुख की घड़ी में उनके परिवार के साथ हैं।'

प्रधानमंत्री ने लिखा, 'मेरे अहम सहयोगी और दोस्त, श्री अनंत कुमार जी के निधन से बेहद दुखी हूं। वह एक असाधारण नेता थे, जिन्होंने एक छोटी उम्र में सार्वजनिक जीवन में प्रवेश किया और अत्यंत परिश्रम और करुणा के साथ समाज की सेवा की। उन्हें हमेशा अपने अच्छे काम के लिए याद किया जाएगा।' अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करने वाले अनंत कुमार को कर्नाटक में भाजपा का अहम चेहरा माना जाता था। दक्षिण में पहली बार 'कमल' खिलाने में उनकी अहम भूमिका थी।

वह केंद्र सरकार में दो-दो मंत्रालयों की अहम जिम्मेदारी संभाल रहे थे। प्रधानमंत्री ने अपने एक अन्य ट्वीट में लिखा, 'अनंत कुमार जी एक सक्षम प्रशासक थे, जिन्होंने मंत्री के रूप में कई पोर्टफोलियो की जिम्मेदारियों का निर्वहन किया और वह भाजपा संगठन के लिए एक बड़ी संपत्ति थे। उन्होंने कर्नाटक में, विशेष रूप से बेंगलुरु और आस-पास के इलाकों में पार्टी को मजबूत करने के लिए कड़ी मेहनत की।'