नई दिल्ली: अमेरिका में हुए मध्यावधि चुनावों में बुधवार को विपक्षी डेमोक्रेट ने कांग्रेस के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में अपना नियंत्रण कर लिया है. वहीं राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी ने उच्च सदन सीनेट में अपना बहुमत बरकरार रखा है. इन नतीजों से ऐसा माना जा रहा है कि 2020 के राष्ट्रपति चुनावों में दोनों प्रमुख पार्टियों के बीच राजनीतिक कड़वाहट बढ़ेगी और इनके बीच कांटे का मुकाबला होगा.

डेमोक्रेट्स ने सत्ता में रिपब्लिकन पार्टी का एकाधिकार तोड़ दिया और उसे निचले सदन में 24 से अधिक सीटों का फायदा हुआ है. उसने पिछले आठ वर्षों में पहली बार 435 सदस्यीय सदन में बहुमत हासिल किया. डेमोक्रेटिक पार्टी से मिले प्रारंभिक बयानों के अनुसार पार्टी के नेताओं ने संकेत दिए हैं कि राष्ट्रपति ट्रंप के लिए और कठिन स्थिति बन जाएगी जो टैक्स और हेल्थकेयर सुधारों समेत उनके कुछ अहम मुद्दों पर बड़े विधायी परिवर्तन चाहते हैं.

पिछले कुछ सप्ताह से आक्रामक ढंग से प्रचार कर रहे ट्रंप ने परिणामों को लेकर संतोष जताया और इसे जबर्दस्त सफलता के रूप में वर्णित किया. ट्रंप ने एक ट्वीट किया, 'आज रात जबर्दस्त सफलता, सभी को धन्यवाद.' निवर्तमान सदन में रिपब्लिकन पार्टी के पास 235 सीटें थीं जबकि डेमोक्रेटिक पार्टी की 193 सीटें थीं.

अमेरिकी कांग्रेस में भारतीय अमेरिकियों के अनौपचारिक समूह कथित 'समोसा कॉकस' के सभी चार निवर्तमान सदस्य प्रतिनिधि सभा के लिए फिर से चुने गए. इसमें राजा कृष्णमूर्ति, प्रमिला जयपाल, रो खन्ना और एमी बेरा को जीत मिली. नेंसी पेलोसी (78) के प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष के रूप में फिर से निर्वाचित होने की उम्मीद है. प्रतिनिधि सभा भारत की लोकसभा के समान है.

वाशिंगटन डीसी में अपने विजयी भाषण में पेलोसी ने कहा कि पार्टी देश के लिए द्विपक्षीय एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए जीते हुए अपने नए बहुमत का उपयोग करेगी. इस मौके पर मौजूद अन्य डेमोक्रेटिक नेताओं के साथ उन्होंने कहा, 'धन्यवाद, कल अमेरिका में एक नया दिन होगा.' चुनावों में करीब 100 महिलाओं ने जीत दर्ज की है जिनमें से ज्यादातर डेमोक्रेट्स हैं. कम से कम 28 महिलाएं पहली बार निर्वाचित हुई हैं.