नई दिल्ली: कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्ब ने भारत-फ्रांस के बीच राफेल विमान सौदेमें शीर्ष स्तर पर घपलेबाजी के आरोप लगाए हैं. उन्होंने राफेल विमान निर्माता कंपनी दसॉल्ट के सीईओ पर सच छुपाने का आरोप लगाया है. कहा है कि फ्रांस की विमानन कंपनी दसॉल्ट के सीईओ एरिक ट्रैपियर (Eric Trappier) भारत को 36 राफेल विमानों की बिक्री के मामले में सच छिपा रहे हैं. मगर कंपनी अपने ही बुने जाल में फंस गई है. सिब्बल ने मंगलवार की रात संवाददाताओं से कहा, ‘‘दसॉल्ट एविएशन के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने राफेल सौदे में मामले को उलझाने की कोशिश की और दसॉल्ट अब सच छिपाने की कोशिश कर रही है. दुर्भाग्य से वह अपने ही जाल में फंस गई है. उन्होंने कहा, ‘‘मैं दसॉल्ट को आगाह करना चाहूंगा कि जितना वो सौदे के बारे में सच छिपाएंगे समय के साथ वह उतने गंभीर भंवर में फंसते जाएंगे.''उन्होंने कहा, ‘‘हम दसॉल्ट के सीईओ को चीजों को नहीं उलझाने के लिए कह रहे. हम जांच चाहते हैं क्योंकि सौदे में शीर्ष स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है.''

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने राफेल सौदे को पूरी तरह दलाली का केस बताया है. बीते दिनों कहा कि पीएम मोदी ने ख़ुद इस सौदे को मंज़ूरी दी है. अगर जांच हुई तो पीएम मोदी बच नहीं पाएंगे, और इसी डर से सीबीआई चीफ़ को हटा दिया गया है. राफेल पर राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर हमले का सिलसिला जारी रखा है. राहुल ने आरोप लगाया कि दसॉल्ट ने अनिल अंबानी को जमीन खरीदने के लिए पैसे दिए. ये पूरी तरह से ओपन एंड शट केस है.

राहुल ने कहा कि दसॉल्ट कंपनी ने अनिल अंबानी की घाटे में चल रही एक कंपनी को 284 करोड़ रुपये दिए, जिससे अनिल अंबानी ने ज़मीन ख़रीदी. घाटे वाली कंपनी को कोई पैसे क्यों देगा? हालांकि रिलायंस समूह की ओर से आरोपों का जवाब देते हुए कहा गाय कि कांग्रेस ने फिर रिलायंस और अनिल अंबानी के ख़िलाफ़ झूठ फैलाने के लिए तथ्यों को तोड़ा-मरोड़ा है. रिलायंस का सारा कारोबार नियमों के मुताबिक है और 2017 से ही सारे लेनदेन की जानकारी सार्वजनिक है. कांग्रेस का यह आरोप झूठा है कि आरएडीएल में लगाए गए पैसे से ज़मीन खरीदी गई है.