नई दिल्ली: राम मंदिर को लेकर जहां देश में राजनीतिक घमासान छिड़ा हुआ है वहीं रामजन्मभूमि न्याय के अध्यक्ष राम विलास वेदांती ने बड़ा बयान दिया है। वेदांती ने कहा, 'दिसंबर में राम मंदिर का निर्माण शुरू होगा वो भी अध्यादेश के बिना और आपसी समझौते के आधार पर। अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण होगा और लखनऊ में एक मस्जिद का निर्माण किया जाएगा।'

वेदांती ने कहा, '70 वर्षों से कांग्रेस ने राम जन्म भूमि के मुद्दे को लटकाया। मैं देश के संतों को बताना चाहता हूं कि मंदिर अध्यादेश से नहीं बनेगा बल्कि आपसी सहमति से बनेगा। ये जरूरी नहीं है कि हम कोर्ट के आदेश के बाद ही मंदिर बनाएं।' वहीं यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने कहा, 'मंदिर निर्माण का कार्य कोर्ट में विचाराधीन है इसलिए इस पर कुछ नहीं कह सकते हैं। लेकिन कोई भी अयोध्या में 'राम लला' की भव्य मूर्ति बनाने से हमें नहीं रोक रहा है। अगर कोई हमें रोकता है तो हम उसे देख लेगें। अयोध्या का विकास करने से हमें कोई भी नहीं रोक सकता।'

इससे पहले भी वेदांती ने कहा था कि इसमें दो मत नहीं है कि पीएम नरेंद्र मोदी 2019 में एक बार फिर देश की कमान संभालेंगे। उन्होंने कहा था कि 2014 में इस देश की जनता ने नरेंद्र मोदी में भरोसा जताया था और एक बार फिर 2019 में शानदार विजय के साथ वो दिल्ली की सत्ता पर काबिज होंगे।

आरएसएस के अलावा हिंदू संगठन लगातार सरकार पर इस बात का दबाव बना रहे हैं कि मंदिर निर्माण के लिए कानून बनाया जाए। इन सबके बीच खबर है कि अयोध्या में भगवान राम की भव्य प्रतिमा स्थापित की जा रही है। राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिवाली के अवसर पर सरयू तट पर भगवान राम की विशाल प्रतिमा बनवाने का ऐलान कर सकते हैं।