भारत में सबसे बड़े वैश्विक स्वतंत्र जेम सर्टिफिकेशन और मूल्यांकन संस्थान इंटरनेशनल जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट (आईजीआई) का कहना है कि जागरूक भारतीय उपभोक्ताओं और संगठित खुदरा विक्रेताओं के कारण डायमंड सर्टिफिकेशन कारोबार में सालाना 25 प्रतिशत की वृद्धि हो रही है। ऐसे भारतीय उपभोक्ताओं की संख्या बढ रही है जो अब सर्टिफाइड डायमंड और डायमंड/जेमस्टोन ज्वैलरी की मांग कर रहे हैं। हाल के दौर में हुए घोटालों से उपभोक्ताओं के जज्बात पर असर पड सकता है और इस कारण देश में डायमंड की डिमांड में कमी हो सकती है। इसी संदर्भ में कहा जा सकता है कि सर्टिफाइड डायमंड हासिल करने की प्रवृत्ति में भविष्य मंे वृद्धि हो सकती है।

चूंकि ऊपरी तबके के युवा और सहस्राब्दी पीढी के लोग तेजी से सामाजिक क्रियाकलापों, रिस्पाॅन्सिबल कंज्यूमरिज्म और सस्टेनेबिलिटी की दिशा में सक्रिय हो रहे हैं, ऐसी सूरत में डायमंड सर्टिफिकेशन के माध्यम से उन्हें सटीक और गैर-विवादित ग्रेडिंग परिणामों को प्रदान करते हुए उनके विश्वास को बढ़ावा दिया जा सकता है और यह महत्वपूर्ण काम आईजीआई जैसे बाजार के अग्रणी और नवप्रवर्तक संस्थानों द्वारा किए जा सकते हैं।
इंटरनेशनल जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट (आईजीआई) ने उपभोक्ताओं से इस उत्सव के मौसम में केवल प्रमाणित प्राकृतिक हीरे खरीदने के लिए आग्रह किया है! आईजीआई ने धनतेरस और दिवाली जैसे शुभ त्योहार के दिनों को कवर करते हुए 5 नवंबर तक चलने वाले अपने एक माह लंबे अभियान ‘एक बिलियन साल प्राचीन डायमंड के मालिक बनिए’ के लिए 24 शहरों में शहर के कई प्रमुख ज्वैलर्स से भागीदारी की है। आईजीआई का जागरूकता अभियान प्राकृतिक हीरे की कालातीत विरासत को दोहराने के अलावा उपभोक्ता के आत्मविश्वास और भरोसे को नए सिरे से परिभाषित और बहाल करने का लक्ष्य लिए हुए है।