नई दिल्ली: हिंदी हॉर्टलैंड के तीन राज्यों छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश और राजस्थान समेत दो और राज्यों मिजोरम और तेलंगाना की जनता अपने नए प्रतनिधियों का चुनाव करने जा रही है। ईवीएम में मतदाता उम्मीदवारों की किस्मत को बंद कर देंगे जिसका नतीजा 11 दिसंबर को सबके सामने होगा। लेकिन मतदान से पहले मतदाताओं के मूड को टाइम्स नाउ और सीएनएक्स ने भांपने की कोशिश की। इन पांच राज्यों में से एक राजस्थान के मूड के बारे में बताएंगे कि क्या बीजेपी, वसुंधरा राजे सिंधिया के नेतृत्व में सरकार बनाएगी या राजस्थान अपने पुराने रिकॉर्ड को दोहराएगा। राजस्थान के तमाम मुद्दों को समझने से पहले हम बताएंगे कि सीटों के मामले में सर्वे क्या कह रहा है।

राजस्थान कौन जीत रहा है। इसका जवाब ये है कि सर्वे के मुताबिक कांग्रेस आसानी से सरकार बनाती हुई नजर आ रही है। कांग्रेस स्पष्ट बहुमत के साथ सत्ता में वापस आ रही है, कांग्रेस को 115-120 सीटें मिल रही हैं जबकि पिछली बार केवल 21 सीटों से ही संतोष करना पड़ा था। यानि कांग्रेस को करीब 94 सीटों का इजाफा हो रहा है। लेकिन राजस्थान से बीजेपी के लिए अच्छी खबर नहीं है। वसुंधरा राजे सिंधिया की करारी हार होती नजर आ रही है। बीजेपी को सिर्फ 70 से 80 सीटें मिल रही हैं जबकि पिछली बार 163 सीटों के साथ सरकार बनाई थी। यानि करीब 88 सीटों का सीधे सीधे नुकसान हो रहा है।

इसके साथ ही हम ये बताने की बताने की कोशिश करेंगे कि वहां कौन से मुद्दे हावी है। इसमें से भ्रष्टाचार, राफेल, सत्ताविरोधी लहर और स्थानीय मुद्दे अहम हैं। राजस्थान की सिर्फ 40 फीसद आबादी वसुंधरा राजे सिंधिथा सरकार से खुश है जबकि 43 फीसद सरकार के क्रियाकलाप से नाराज है।

सर्वे से साफ है कि राजस्थान के चुनाव में राफेल मुद्दा नहीं बन पा रहा है। ये बात अलग है कि कांग्रेस अध्यक्ष इस मुद्दे को लगातार उठा रहे हैं।राजस्थान में बेरोजगारी,विकास,महंगाई,मॉब लिंचिंग, एससी एसटी ऐक्ट मुख्य मुद्दे हैं।लोगों का कहना है कि बेरोजगारी के मुद्दे पर मौजूदा सरकार चुनकर आई थी। लेकिन उस दिशा में कदम नहीं उठाए गए। इसके साथ ही राज्य का चहुंमुखी विकास भी नहीं हुआ।

27 फीसद लोगों के लिये विकास मुख्य मुद्दा है। 35 फीसद लोगों के लिए बेरोजगारी मुख्य मुद्दा है। महंगाई 15 फीसद लोगों के लिए अहम है जबकि मॉब लिंचिंग 10 फीसद लोगों के लिए महत्वपूर्ण है। एससी-एसटी 6 फीसद लोगों के लिए अहम है जबकि राफेल महज एक फीसद लोगों के लिए पसंदीदा मुद्दा है। लोगों का कहना है कि वसुंधरा राजे सरकार में कहीं न कहीं सांप्रदायिक शक्तियों को बढ़ावा मिला जिसका असर मॉब लिंचिंग के तौर पर देखने को मिल रहा है। इसके साथ ही एससी एसटी ऐक्ट के मुद्दे पर सरकार की भूमिका लचर दिखाई दी।

लोगों से ये जानने की कोशिश की गई कि राजस्थान में पीएम मोदी के बारे में लोगों की सोच क्या है। इस सवाल के जवाब में 53 फीसद लोग मोदी सरकार के कामकाज से खुश नजर आए। देश के अगले पीएम के सवाल पर 69 फीसद लोगों ने मोदी को बेहतर बताया जबकि सिर्फ 23 फीसद लोगों की पसंद राहुल गांधी हैं।

CNX ने 8040 लोगों से सवाल पूछा जिसमें पुरुष 4250 और महिला 3790 शामिल हैं। सर्वे 16 अक्टूबर से 29 अक्टूबर के बीच किया गया था। 2013 में कांग्रेस को 33.07 फीसदी वोट मिला था इस बार भारी उछाल सीधे 10.43 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है।यानि 43.5 फीसदी वोट कांग्रेस को मिलता हुआ नजर आ रहा है। 2013 में BJP को 45.17 फीसदी वोट मिला था इस बार भाजपा 4.8 फीसदी वोट का नुकसान झेल रहा है। यानि 40 .37 फीसदी वोट भाजपा को मिल रहा है ।