नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राम मंदिर के मसले पर अध्यादेश अभी नहीं आएगा। यह मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में है। कोर्ट को इसकी जल्द से जल्द सुनवाई करनी चाहिए। सीएम ने इसी के साथ कहा कि संत समाज को इस विषय पर थोड़ा धैर्य रखना चाहिए। मंगलवार (30 अक्टूबर) को ये बातें सीएम ने एक टीवी इंटरव्यू के दौरान कहीं। बकौल सीएम, “यह मामला सुप्रीम कोर्ट में है। कोर्ट में इस पर जल्द सुनवाई होनी चाहिए। न्याय में किसी प्रकार की देरी न हो। हालांकि, विकल्पों की तलाश की जा रही है। पर कोर्ट को इसी के साथ आस्था का भी ख्याल रखना चाहिए।”

सीएम के मुताबिक, “देश की न्यायपालिका पर सबको भरोसा है। पर न्याय में देरी होने से निराशा मिल रही है। सभी पक्ष इस मसले का जल्द ले जल्द समाधान चाहते हैं। राम मंदिर निर्माण के लिए जो भी सबसे उत्तम रास्ता हो, उसे अख्तियार किया जाना चाहिए।”

इससे पहले, सोमवार (29 अक्टूबर) को इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी। मगर उसे टाल दिया गया। कोर्ट ने कहा कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि मालिकाना हक विवाद मामले में दायर दीवानी अपीलों को जनवरी, 2019 में एक उचित पीठ के सामने सूचीबद्ध किया जाएगा। यह बात प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसफ की नई पीठ ने कही। भूमि विवाद मामले में दीवानी अपील इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ दायर की गई है।

आपको बता दें कि हाल ही में राष्‍ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने केंद्र में आसीन नरेंद्र मोदी सरकार को मंदिर निर्माण को लेकर अल्टीमेटम दिया था। उन्होंने कहा था कि सरकार को अध्यादेश लाकर मंदिर निर्माण की राह तैयार करनी चाहिए। बीजेपी उसके बाद से ही अपने पास मौजूद सभी विकल्पों पर विचार कर रही है।