लखनऊ: राजकीय वाहन चालकों ने आज कृषि भवन मुख्यालय पर आम सभा करते हुए इस बाॅत पर जोर दिया कि पाॅच नवम्बर के बाद कम से कम तीन दिन की हड़ताल जरूर कर दी जाए। उन्होंने कहा कि राजकीय वाहन चालक महासंघ का आन्दोलन अब वर्क टू रूल सरकार का ध्यानाकर्षण कार्यक्रम चार अक्टूबर से शुरू और चार नवम्बर को एक माह पूरा हो रहा है। इसलिए पाॅच नवम्बर के बाद हर हाल में हड़ताल पर जाना चाहिए। इस गेट सभा की अध्यक्षता राजकीय वाहन चालक संघ कृषि विभाग के प्रदेश अध्यक्ष जयप्रकाश यादव और संचालन महामंत्री पशुपति नाथ द्वारा की गई। इस गेट सभा को सम्बोधित करते हुए महासंघ के अध्यक्ष रामफेर पाण्डेय कहा कि महासंघ फिलहाल शांति पूर्ण तरीके से सरकार के समक्ष अपनी मांगे रख रहा है अगर सरकार ने ध्यान न दिया तो आन्दोलन तेज किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पाॅच नवम्बर कीप्रान्तीय संगठनों के पदाधिकारियों की बैठक में तीन दिवसीय चक्काजाम का निर्णय लिया जाएगा। महासंघ के सलाहकार त्रिलोक सिंह ने कहा कि सरकार अपने सारथी वर्ग के प्रति जो रवैया अपनाए है वह असहनीय है। वाणिज्यकर विभाग के महामंत्री प्रेम प्रकाश ने बताया कि ‘‘ वर्क टू रूल’’ आन्दोलन से वाणिज्यकर विभाग के सचल दस्ते न चलने से लगभग 6000 करोड़ की राजस्व वसूली प्रभावित हो गई है। सिंचाई विभाग के प्रदेश अध्यक्ष प्रमोद कुमार नेगी ने कहा कि फिलहाल सदस्यों का मत हड़ताल के पक्ष में है नेतृत्व पाॅच नवम्बर को इसका फैसला लेगा। महामंत्री मिठाई, सिंचाई विभाग के प्रमोद कुमार नेगी, शकील अहमद, कृषि विभाग के जे.पी. यादव, कैलास सिंह ने पूरे प्रदेश की समीक्षा के उपरान्त बताया कि आन्देालन शत प्रतिशत सफल हैै। उन्होंने कहा कि पाॅच नवम्बर को होने वाली बैठक में चक्का जाम और विधानसभा घेराव का निर्णय लिया जाएगा।

कृषि विभाग के समक्ष आयोजित इस आम सभा को रामविलास यादव, सरवर अली, वीरेन्द्र सिंह, अरविन्द सिंह बिष्ट, गोपाल अनिल कुमार मिश्रा मुर्हरम अली, शकील अहमद, ओपी तिवारी, रामनरेश मौर्या, सोहन यादव, मोहन गुप्ता, शशिकांत राय, सूरज यादव, प्रेमप्रकाश, राजकुमार गुप्ता, निर्मल कुमार सोनकर, रामशंकर यादव आदि ने सम्बोधित किया। लोनिवि के मीडिया प्रभारी रजनीश सिंह और संगठन मंत्री रमेश सिंह ने बताया कि महासंघ की मुख्य मांगों में उ.प्र. राजकीय वाहन चालकों को मौलिक नियुक्ति का ग्रेड वेतन 1900 के स्थान पर 2000 रूपये ,उत्तराखण्ड सरकार की भाति राजकीय वाहन चालकों की प्रतिषत व्यवस्था को समाप्त करने, स्टाॅफ कार चालक पदोन्नति स्कीम से अनुपात हटाये जाने।चालकों के रिक्त पदो पर भर्ती,पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाली, सरकारी गाड़ी का बीमा कराने, सरकारी गाड़ी सफाई का भत्ता चालक को दिये जाने, चालक पद पर भर्ती नियम में संशोधन किये जाने, सरकारी वाहन का दुरूप्रयोग करना बन्द किये जाने, निजी गाड़ियों को टैक्सी में चलाना बंद कराने, चालकों के भत्ते एवं समयोपरि भत्ते की बढ़ोत्तरी के अनुसार किये जाने, इन्टर मीडियट राजकीय वाहन चालकों को लिपिक या अन्य संवर्ग में 20 प्रतिषत आरक्षण सुनिश्चित किये जाने और राजकीय वाहन चालकों से सम्बंधित समस्त शासनादेष निगमों, परिषदों,स्थानीय निकायों, कारपोरेशन व प्राधिकरणों में यथावत लागू किये जाने और निर्वाचन डियुटी के दौरान राजकीय वाहन की मरम्मत हेतु विभागीय मद से देय धनराशि को 1000 की जगह 5000 दिये जाने की मांग शामिल है।