नई दिल्लीः भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व महान कप्तान सौरव गांगुली ने मंगलवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को तीखे शब्दों में एक पत्र लिखा है। हाल में भारतीय क्रिकेट बोर्ड जिस तरह से काम कर रहा है उस पर गांगुली ने अपनी निराशा और गुस्सा जाहिर किया है। BCCI के सीईओ राहुल जौहरी पर लगे यौन उत्पीड़न वाला मामला हो या फिर उस मामले में फैसले को लेकर असमंजस की स्थिति बनना। दादा ने अपनी निराशा खुलकर जाहिर की है।

बीसीसीआई सचिव अमिताभ चौधरी को और बीसीसीआई के कार्यवाहक अध्यक्ष सीके खन्ना को ई-मेल लिखते हुए दादा के नाम से मशहूर सौरव गांगुली ने कई मामलों पर सवाल उठाए हैं। गांगुली ने लिखा, 'मैं आपको ये पत्र भारतीय क्रिकेट में जो चल रहा है उससे भयभीत होकर लिख रहा हूं। मैंने इस खेल को लंबे समय तक खेला है, जहां हमारी जिंदगी सिर्फ जीत और हार के बीच होती थी और भारतीय क्रिकेट की छवि हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण हुआ करती थी। अब हम उठकर देखते हैं कि हमारा क्रिकेट किस स्थिति में है।'

गांगुली ने बीसीसीआई की खराब व्यवस्था और करोड़ों फैंस के बीच उसकी बिगड़ती छवि के बारे में आगे लिखा, 'लेकिन चिंतित होते हुए मुझे ये लिखना पड़ रहा है कि पिछले कुछ सालों में दुनिया के सामने भारतीय क्रिकेट का प्रशासन और करोड़ों फैंस के बीच उनके प्यार में बड़ी गिरावट देखने को मिली है।' राहुल जौहरी मामले में दादा ने लिखा, 'मुझे नहीं पता कि ये कितना सच है लेकिन उत्पीड़न से जुड़े ताजा मामले ने बीसीसीआई की छवि बहुत खराब की है..खासतौर पर जिस तरह उसने मामले पर काम किया है। सीओए की कमिटी चार सदस्यीय से दो सदस्यीय हो गई है और अब वे दो बंटे हुए नजर आ रहे हैं।'

दादा ने कुछ अन्य मुद्दों पर खुलकर सवाल उठाते हुए लिखा, 'क्रिकेट के नियम बीच सीजन बदल दिए जाते हैं, जैसा पहले कभी नहीं सुना गया। कमिटी में किए गए फैसले सम्मान ना करते हुए अचानक बदल दिए जाते हैं, कोच चयन मामले में भी मेरा अनुभव डराने वाला रहा (जितना कम कहा जाए, उतना बेहतर)..मेरा एक दोस्त जो बोर्ड की कार्य प्रणाली में शामिल है वो मेरे पास आकर पूछता है कि वो आखिर किसके पास जाएं..और मेरे पास कोई जवाब नहीं होता..मुझे किसी अन्य एसोसिएशन से पूछना पड़ा कि किसको अंतरराष्ट्रीय गेम के लिए न्योता दिया जाए क्योंकि मुझे पता नहीं था कि आखिर चल क्या रहा है।'

मामले की गंभीरता पर प्रकाश डालते हुए गांगुली ने चेताया और लिखा, 'सालों की मेहनत, शानदार प्रशासकों व दिग्गज क्रिकेटरों के दम पर भारतीय क्रिकेट खड़ा हुआ है और हजारों फैंस इसी वजह से मैदान पर आते रहे हैं..फिलहाल मुझे लगता है कि ये खतरे में है.. उम्मीद है लोग सुन रहे हैं।'