नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सऊदी अरब के 6 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज को देश के लिए बड़ी राहत बताया है। इमरान ने इसके साथ ही सऊदी अरब और यमन के बीच चल रहे संगर्ष को सुलझाने के लिए मध्यस्थता की भी प्रतिबद्धता जताई है।

देश के वित्तीय संकट में धकेलने के लिए पूर्ववर्ती दोनों सरकारों पर आरोप लगाते हुए इरान ने देश के नाम अपने संबोधन में कहा कि विपक्षी दलों की गठबंधन के गठन की योजना का उद्देश्य सरकार पर दबाव बनाना था ताकि राष्ट्रीय सुलह अध्यादेश (एनआरओ) जैसे समझौते के तहत उन्हें कुछ राहत मिल सके।

इमरान सऊदी अरब से लौटने के बाद कहा, 'यह ध्यान में रखने की बात है कि परवेज मुशर्रफ की तरह मैं किसी दबाव में नहीं आऊंगा।' गौरतलब है कि नकदी के संकट से जूझ रही पाकिस्तान सरकार ने बुधवार को 49 और सरकारी वाहनों को नीलामी के लिए रखा था। इसमें 19 बुलेट प्रूफ कारें शामिल रहीं। इसमें सिर्फ एक कार की नीलामी ही सफल रही।

पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान देश पर भारी कर्ज से निबटने के लिए इस तरह के कदम उठा रहे हैं। पाकिस्तान सरकार ने हाल ही में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से वित्तीय राहत पैकेज की मांग की थी। सरकार पहले चरण में 61 सरकारी वाहन नीलाम कर चुकी है।

सरकार ने इससे पहले प्रधानमंत्री आवास की 8 भैंसों को भी नीलाम किया था। इससे सरकार को 23 लाख रुपए की आय हुई थी। इन भैंसों को पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पाला था। किसी एक भैंस के लिए सबसे अधिक बोली 3,85,000 रुपए लगाई गई थी। आठ में से तीन भैंसों को शरीफ के समर्थकों ने खरीदा था। सरकार की योजना चार हेलीकॉप्टरों की नीलामी की भी है।