गोंडा: उत्तर प्रदेश के गोंडा में कटरा बाजार थाना क्षेत्र स्थित एक गांव में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन को लेकर बवाल हो गया। देर रात वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में दो समुदाय भिड़ गए थे। घटना में जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक समेत करीब दर्जन भर लोग जख्मी हुए। घायलों को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया। घटना के बाद ग्रामीण दर्जनों दुर्गा प्रतिमाएं मौके पर छोड़कर भाग निकले थे, जिन्हें प्रशासन ने तड़के विसर्जित कराया। पुलिस इस मामले में मुकदमे दर्ज कर रही है। पुलिस का कहना है कि फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं।

पुलिस अधीक्षक लल्लन सिंह के मुताबिक, बराव गांव में पहली बार स्थापित हुई दुर्गा प्रतिमा के विसर्जन पर शनिवार (20 अक्टूबर) देर शाम विवाद काफी बढ़ गया था। दोनों समुदाय के हजारों लोग आमने-सामने आ गए। सूचना पर देवीपाटन मण्डल के आयुक्त सुदेश कुमार ओझा, परिक्षेत्रीय पुलिस उप महानिरीक्षक अनिल कुमार राय, जिलाधिकारी कैप्टन प्रभांशु श्रीवास्तव के साथ वह स्वयं भारी संख्या में पुलिस व पीएसी के जवानों संग मौके पहुंचे। अधिकारियों ने हालात संभालने की कोशिश की, पर वे नाकाम रहे।

बिना अनुमति स्थापित इस मूर्ति को आयोजक मण्डल के लोग पूर्व में हुए समझौते से हटकर अल्पसंख्यक बाहुल्य गांव के सड़क से होकर मुख्य मार्ग पर लाने के लिए अड़े रहे, जबकि दूसरा समुदाय ऐसा न करने देने के लिए आमादा रहा। देर शाम से शुरू हुए इस विवाद के कारण आधी रात होते-होते आसपास के गांवों के दोनों समुदायों के हजारों लोग जुट गए थे। उन्होंने कर्नलगंज-हुजूरपुर जिला मार्ग जाम कर दिया।

आसपास के गांवों में स्थापित दुर्गा प्रतिमाओं के आयोजकों ने भी निन्दूरा गांव की प्रतिमा को साथ लिए बिना अपनी दुर्गा प्रतिमाओं को भी विसर्जन के लिए सरयू घाट ले जाने से मना कर दिया। स्थिति गंभीर होते देख आयोजक मण्डल के लोग आधी रात के आसपास विसर्जन के लिए ले जाने वाली प्रतिमाओं को ट्राली समेत मौके पर ही छोड़कर अपने-अपने ट्रैक्टर लेकर वापस चले गए।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आधी रात के बाद बरांव और निन्दूरा गांव के बीच एकत्रित भीड़ ने पथराव कर दिया। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक समेत मौके पर मौजूद कई पुलिसकर्मी इसमें चोटिल हुए। बाद में पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया, जिसमें कई ग्रामीण, महिलाएं और बच्चे भी जख्मी हुए। डीएम औऱ एसपी का स्थानीय अस्पताल में इलाज कराया गया, जबकि जख्मी सिपाहियों का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र कर्नलगंज में इलाज चल रहा है। सभी की हालत खतरे से बाहर बताई जा रही है।

आयोजकों का आरोप है कि प्रशासन ने उनके साथ ज्यादती की और दुर्गा प्रतिमा को गांव के सार्वजनिक रास्ते से नहीं ले जाने दिया। वहीं, प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि आयोजक मण्डल के लोग मनमानी पर उतारू थे। वे शांति समिति की बैठक में तय मार्ग से हटकर प्रतिमा ले जाने पर अड़े थे। मौके पर समझाने-बुझाने पहुंचे क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ नारे लगा रहे थे। दूसरी तरफ मस्जिदों से भी लोगों से घरों से बाहर निकलकर सड़क पर एकत्रित होने की अपील की जा रही थी।

एसपी ने बताया कि सरकारी काम में बाधा डालने, लोक व्यवस्था भंग करने, निषेधाज्ञा लागू होने के बावजूद विधि विरुद्ध जमाव, आगजनी, तोड़फोड़, पथराव, सड़क जाम और साम्प्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने की कोशिस करने वालों को चिह्नित कर कार्यवाही की जा रही है। प्रशासन ने अपने संसाधनों से आज तड़के सभी प्रतिमाओं को विसर्जित करा दिया। क्षेत्र में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी संख्या में सुरक्षा कर्मी मौके पर तैनात हैं। आसपास के इलाके में तनावपूर्ण शांति है।