नई दिल्ली: रेमंड ग्रुप ने अपने फाउंडर विजयपत सिंघानिया को कंपनी के मानद चेयरमैन के पद से हटा दिया है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सिंघानिया को 7 सितंबर को इसका पता चला है. कंपनी के डायरेक्टर सेक्रेट्रियल थॉमस फर्नांडिस ने सिंघानिया को चिट्ठी लिखकर कहा कि वो अपने नाम के साथ चेयरमैन-एमेरिटस लिखना बंद करें. सिंघानिया को खुद को बाहर निकाले जाने की खबर कंपनी के बोर्ड की ओर से जारी चिट्ठी से मिली है.

मुंबई मिरर में छपी खबर के मुताबिक, विजयपत सिंघानिया को एक पत्र के जरिए बताया गया कि उनसे रेमंड ग्रुप के अवकाशप्राप्त चेयरमैन की उपाधि छीन ली गई है. कंपनी की ओर से जो पत्र भेजा गया उसमें कहा गया कि सिंघानिया के गैर मर्यादित व्यवहार की वजह से चेयरमैन-एमेरिटस का टाइटल छीना जा रहा है. सिंघानिया परिवार के बीच क्या चल रहा है, इस बात से कंपनी को कोई मतलब नहीं है.

बेटे गौतम पर धोखे देने का आरोप- विजयपत सिंघानिया ने 30 अगस्त को कंपनी को चिट्ठी लिखकर कहा था कि बेटे सिंघानिया ने उनसे धोखा किया और कंपनी से निकाल दिया. पिता का आरोप था कि गौतम ने उनका पद्मभूषण मेडल, पेंटिंग्स और तस्वीरें भी नहीं लौटाईं.

आपको बता दें कि विजयपत सिंघानिया ने अगस्त में मुंबई हाईकोर्ट में याचिका दायर की याचिका में कहा था कि उन्हें मालबार हिल स्थित 36 मंजिला जेके हाउस में एक डुप्लेक्स का पजेशन नहीं दिया गया है. जबकि, रेमंड के मालिक को बार बार इस बारे में बताया जा चुका है.

गौतम ने पिता के आरोप गलत बताए- गौतम का कहना है कि वो अपने पिता के आरोपों से दुखी हैं. पिता को कोई समस्या है तो बातचीत के लिए तैयार हैं। लेकिन, कंपनी के फैसलों में कुछ नहीं किया जा सकता.