नरेन्द्र सिंह राणा

चार वर्ष बाद भारत बडी धूमधाम से अपनी आजादी की 75वंी वर्ष गांठ मनाएगा। आयोजन सम्पपूर्ण भारत के अन्दर मनाया जाएगा। भारत की राजधानी दिल्ली सहित प्रदेश की सभी राजधानियों को दुल्हन की तरह सजाया जाएगा। नई दिल्ली में अनेको देशों के राष्ट्रीय अध्यक्ष इस समारोह के अतिथि इस समारोह के गवाह बनेगें। विकास की राह पर तेजी के साथ आगे बढ़ रहे भारत की स्थिति कैसी होगी इस पर नजर डालते है। भारत सरकार के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी जी के भारत में सबका सपना-घर हो अपना पूरा होगा। प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के अन्तर्गत सन 2022 तक सभी के पास अपना घर होगा। गांव मजबूत बने इस दिशा में श्यामा प्रसाद मुखर्जी मिशन के तहत अगले 3 वर्षो में 300 रूर्बन क्लस्टरों का विकास जो खुले में शौच मुक्त हरे भरे हो और साथ ही कृषि आधारित और कौशल श्रम बल पर आधारित विषय क्षेत्र सम्बन्धी क्लस्टर हो तथा आर्थिक अवसरों तक उनकी पहुंच हो। 267 क्लस्टरों की पहचान हो चुकी है। 29 राज्यों और एक संघ शासित प्रदेश दादर और नगर हेवली के लिए 153 समेकित क्लस्टर योजनाओं को मंजूरी जो प्रत्येक क्लस्टर में निवेश की मूल योजना है। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत 2022 तक प्रत्येक गांव को सड़क से जोड़ दिया जायेगा। यह कार्य तेजी से चल रहा है समय से पूर्ण पूरा कर लिया जाये तो कोई आश्चर्य नही होगा। क्योकि ग्रामीण सड़क सम्पर्क 2014 में 56 प्रतिशत था जो अब 82 हो चुका है। इसमें सुदरवर्ती और दुर्गम इलाकों के गांव भी शामिल है। निकट भविष्य में 73727 किमी सड़कों का निर्माण होने जा रहा है। सड़क निर्माण पर व्यय 2013-14 में 32483 करोड़ रूपये की तुलना में 2017-18 में 1,16324 करोड़ रूपये किया गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग एन.एच. नेटवर्क का वर्ष 2013-14 में 92851 किमी की तुलना में 2017-18 में 120543 किमी का विस्तार हुआ है। सड़क निर्माण की गति एन.एच. की 2013 में 12 किमी के मुकाबले 27 किमी प्रतिदिन हो गई है। निर्माण और विकास के लिए 2000 किमी तटीय सम्पर्क सड़कों की पहचान की गई है हिमालय के चारधाम तीर्थ यात्रा केन्द्रों को और अधिक सुरक्षित, त्वरित एवं सुविधाजनक बना दिया जाएगा। सुरक्षित संडको के लिए सेतु भारत परियोजना के तहत 20800 करोड़ रूपये की धनराशि से रेलवे ओवर ब्रिजो अण्डर ब्रिजो का निर्माण होगा। रेलवे में जहां बुलट ट्रेन 2022 तक पूर्ण रूप से दौड़ने लगेगी। वहीं भारत की जनता की सुरक्षा भी प्राथमिकता पर हैं। आंकडे बताते है कि 2017-18 में अब तक का सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा रिकार्ड है। एक वर्ष में सबसे कम दुर्घनाएं दर्ज हुई। अनवर्ती रेल दुर्घटनाओं में 62 प्रतिशत की कमी हुई है जो 2013-14 में 118 से घटकर 73 पर आ गई। पिछले 4 वर्षो की प्रगति बताती है कि 2020 से 2022 तक ब्रांड गेज पर सभी मानव रहित लेवल क्रांसिग को समाप्त करने का लक्ष्य है।
राष्ट्र निर्माण के लिए जलशक्ति के तहत 8 लाख करोड़ रूपये से अधिक के बुनियादी ढांचा निवेश के साथ 500 से अधिक परियोजनाए शामिल है। नागरिका उड्यन के क्षेत्र में भारत आज दुनिया में तीसरे सबसे बडे विमानन बाजार के रूप में सामने आ गया है। 2022 तक इसमें उछाल देखने को मिलेगी। रक्षा के क्षेत्र में आज भारत की सेना अमेरिका, रूस, तथा चीन के बाद चैथे नम्बर पर है। एक वरिष्ठ सैन्य अफसर का कहना है 2021-22 तक भारत 17 मांउटेन स्ट्राइक काप्र्स तैयार कर लेगा। इन 17 दस्तो में कुल 90 हजार 274 सैनिक होंगे। इनको इस तरह प्रशिक्षित कर दिया जाएगा कि अगर वास्तविक नियंत्रण रेखा यानि एल.ए.सी. से सटै पाहडियों पर पी.एल.ए. को युद्ध करना है तो उसे एक भारतीय जवान से लडने के लिए 6 जवान भेजने होंगे। समुद्री क्षेत्रों में भारतीय युद्धपोत आसानी से ऊर्जा आयात के लिए चीन के समुद्री मार्गो को बाधित कर सकते है। एक वरिष्ठ नौसेना आफिसर ने कहा कि ‘‘पी.एल.ए. नौसेना बहुत बडी हो सकती है लेकिन हिन्द महासागर में अनुभव के मामले में वह भारत से बहुत पीछे है। भले ही तिब्बत पठार में चीन के पास 14 बडे़ एयरफिल्ड, एडवांस लैडिंग ग्राऊड और हैलिपैड है लेकिन भारतीय वायु सेना आक्रमक रूप से अपने विरोधी को बाहर का रास्ता दिखाने में सक्षम है। चीनी फाइटर्स में अपने अड्डो से 9 हजार से 10 हजार फीट की ऊंचाई तक हथियार और ईधन ले जाने की क्षमता है। हमारा प्रमुख लक्ष्य चीन को किसी भी तरह के हमले से रोकने के लिए सामरिक प्रतिरोध का निर्माण करना है और भारत धीर-धीरे ही सही लेकिन भारत तैयार है और 4057 किलोमीटर लम्बी लदाख से अरूणाचल प्रदेश की सीमा पर भारत ने सडके, संुरगे, हवाई पट्टी आदि जरूरत में सर्वाधिक सक्षम दिखाई पडेगा। राफेल विमान की चर्चा आजकल भारत में जोरो से चल रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी जी अपनी चाल मस्त हाथी वाली चल रहे है और विरोध करने वाले अपना सिरपीट रहे हैं राफेल-राफेल-राफेल चिल्ला रहे है। भारत फ्रांसके बीच 36 राफेल विमानों के लिए करीब 59000 करोड़ की डील पर हस्ताक्षर हो चुके है। यह दो इंजन वाला दुनिया का आधुनिक लडाकू विमान है। जो भारतीय वायु सेना की पहली पंसद है। इसमें हवा से जमीन पर मार करने वाली स्कैल्प मिसाइलें भी होगी। चीन किसी भी कीमत पर भारत को फ्रांस यह विमान दे नही चाहता है। चीन के हाथों की कठपुतली बनकर भारत की एक सबसे पुरानी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष इस सौदे की राह में रोडे अटका रहे है। उनकों देश की सुरक्षा से मानो कोई लेना देना नही है। भारतीय वायुसेना दुनिया की आधुनिक वायुसेना बन जाएगी। चीन के पास भी इसकी टक्कर का कोई विमान नहीं है। यह परमाणु हथियार ले जाने मे सक्षम है। 2019 में विमान आना शुरू होंगे सभी 36 विमान 66 महीने के भीतर भारत आ जायंेगे। इसी के साथ रूस के साथ भी 40 हजार करोड़ की रक्षा समझौते पर भारत ने हस्ताक्षर किये है। यह दुनिया का सार्वधिक आधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम प्रणाली है। 2022 तक भारत को यह भी प्राप्त हो जाएगा। इससे दुश्मन की और से परमाणु खतरे से आसानी से बचा जा सकता है साथ ही दुश्मन के दांत भी आसानी से खट्टे किये जा सकते है। दुनिया के सबसे आधुनिक विमान व एयर डिफेंस सिस्टम भारत की सेना को चार चांद लगा देगें। भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र भाई मोदी जी ने जहां इजराइल से रिमोट लेजर युक्त कम्प्यूरराइज सीमा सुरक्षा प्रणाली ली है वहीं भारतीय सेना को हाईटैक बना दिया है।

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