नई दिल्ली: पेट्रोल और डीज़ल के दामों में पिछले दिनों मिली राहत अब पुरानी पड़ चुकी है. सरकार ने साफ कर दिया है कि दामों पर नियंत्रण उसके हाथ में नहीं है. 4 अक्टूबर को वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पेट्रोल-डीज़ल के दाम में ढाई रुपये कटौती का एलान किया था, लेकिन दिल्ली में पिछले 12 दिनों में प्रति लीटर 2.50 रुपये की ये राहत न सिर्फ खत्म हो चुकी है, बल्कि डीज़ल और महंगा हो गया है. अब सरकार ने हाथ खड़े कर दिए हैं और संकेत दिए हैं कि और राहत देना उनके बस में नहीं है.

जब पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद प्रधान से पूछा कि क्या वह उन राज्य सरकारों से फिर अपील करेंगे जिन्होंने VAT कम नहीं किया है. तो उन्होंने कहा कि इसका जवाब उन्हें खुद देना चाहिये. धर्मेंद प्रधान ने कहा, 'सभी की जिम्मेवारी है. हमने सभी राज्यों से सिर्फ वैट कम करने की अपील की थी. हम जानते हैं कि राज्यों की अपनी स्पेंडिंग जरूरत हैं. वैट में कटौती सिर्फ बीजेपी शासित राज्यों ने ही नहीं, कई राज्यों ने छोड़ा था. दिल्ली वाले क्यों नहीं कम कर रहे हैं. और जो लोग नहीं छोड़ रहे हैं आप उनसे पूछिये.'

दिल्ली में मंगलवार को पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद प्रधान ने साफ कर दिया कि सरकार हर रोज़ पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों में बदलाव करने की मौजूदा व्यवस्था में हस्तक्षेप नहीं करेगी. साफ है, अंतरराष्ट्रयी तेल बाजार में जारी अनिश्चित्ता की वजह से अगर कच्चा तेल आने वाले हफ्तों में महंगा होगा तो उसका सीधा असर भारत में पेट्रोल-डीज़ल की कीमतों पर पड़ेगा.