मेरठ: खरखौदा क्षेत्र में बाइक सवार बदमाशों ने रविवार को दिनदहाड़े लूट का विरोध करने पर दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल की गोली मारकर हत्या कर दी। उनकी बेटी को भी छर्रे लगे हैं। बाइक खराब होने से बदमाश लूट में सफल नहीं हो पाए और भाग निकले। हेड कांस्टेबल अपने परिवार सहित गुरुद्वारे में आयोजित कार्यक्रम से लौट रहे थे। अस्पताल में उन्हें मृत घोषित किए जाने के बाद सैकड़ों लोगों की भीड़ अस्पताल से शव को निकालकर ले आई और मेरठ-हापुड़ हाईवे को जाम कर दिया। कई घंटे तक हंगामा चला। पुलिस की कई टीमें हत्यारोपियों की तलाश में जुटी हैं।

परीक्षितगढ़ थाना क्षेत्र के बढ़ला गांव निवासी सरबजीत सिंह (33) वर्तमान में दिल्ली के सुल्तानपुरी थाने में हेड कांस्टेबल पद पर तैनात थे। वह रविवार सुबह पत्नी संगीता, बेटी सुकमणि, जनिंद्र कौर और बेटा तरुणजन सिंह के साथ अपने मामा जालिम सिंह के गांव कबट्टा में गुरुद्वारे में आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। दोपहर करीब तीन बजे वह सेंट्रो कार से लौट रहे थे।

बवनपुरा गांव के संपर्क मार्ग पर जंगल में घात लगाए खड़े तीन बदमाशों ने बाइक सड़क पर डालकर हेड कांस्टेबल की कार को रुकवाने का प्रयास किया। बाइक बचाने और साइड से निकलने के चक्कर में सरबजीत की कार ईख के खेत में जा घुसी। बदमाशों ने कार का शीशा तोड़कर परिवार से लूटपाट की कोशिश की तो सरबजीत बदमाशों से भिड़ गए। इस पर एक बदमाश ने सरबजीत के सीने में गोली मार दी। ग्रामीणों को आता देख बदमाश लूट में सफल नहीं हुए और भाग निकले।

घायल सरबजीत को मेरठ के आनंद हॉस्पिटल में लाया गया। यहां उपचार के दौरान उनकी मौत हो गई। छर्रे लगने से घायल सुकमणि का सीएचसी में उपचार कराया गया। जलसे में आए सिख समाज के सैकड़ों लोग अस्पताल से जबरन शव को निकालकर ले गए। उन्होंने मेरठ-हापुड़ मार्ग पर कैली गांव के सामने सड़क पर शव रखकर जाम लगा दिया।

हत्यारोपियों की गिरफ्तारी और मृतक के परिवार को मुआवजे की मांग की। एसपी देहात राजेश कुमार और विधायक दिनेश खटीक मौके पर पहुंचे। उनकी भीड़ से जमकर नोकझोंक हुई। करीब ढाई घंटे बाद किसी तरह ग्रामीणों को शांत कर जाम खुलवाया और लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया।