नई दिल्ली: भारत ने विश्वबैंक की मानव पूंजी सूचकांक रिपोर्ट को खारिज कर दिया. इस रिपोर्ट में भारत को नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार और बांग्लादेश से भी नीचे 115वें स्थान पर रखा गया है. यह विश्वबैंक की मानव पूंजी सूचकांक की पहली रिपोर्ट है. इसमें बच्चों के जीवित रहने की संभावना, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे पैमानों पर 157 देशों का आकलन किया गया है.
वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इस सूचकांक में भारत को मिला स्थान देश में मानव पूंजी के विकास के लिए उठाए गए प्रमुख मुहिमों को नहीं दिखता है.
मंत्रालय ने बयान में समग्र शिक्षा अभियान, आयुष्मान भारत कार्यक्रम, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री जनधन योजना का जिक्र करते हुए कहा कि सूचकांक तैयार करने में इनपर गौर नहीं किया गया है. इसलिए भारत सरकार इस रिपोर्ट को नजरअंदाज करती है और वह मानव पूंजी सूचकांक को लेकर अपने प्रयास जारी रखेगी.
इस सूचकांक में सिंगापुर को पहला स्थान मिला है. उसे अपने हैल्थकेयर सिस्टम, एजुकेशन एग्जाम नतीजों और जीवन जीने की संभावितता के चलते पहला पायदान मिला. उसके बाद दक्षिण कोरिया, जापान, हॉन्ग कॉन्ग और फिनलैंड की बारी आती है.
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