हाईकोर्ट ने योगी सरकार से पूछा सवाल
लखनऊ: हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने पुलिस महानिदेशक सहित राज्य सरकार से जानना चाहा है कि पुलिस वालों की भर्ती के समय क्या कोई मनोवैज्ञानिक टेस्ट अथवा प्रशिक्षण दिये जाने की व्यवस्था है अथवा नहीं। अदालत ने अभी हाल में हुए विवेक तिवारी हत्याकांड के बावत जानना चाहा है कि पुलिस भर्ती परीक्षा में अथवा समय-समय पर दिए जाने वाले प्रशिक्षण में मनोवैज्ञानिक परीक्षण किया जाता हैं अथवा नहीं?

यह आदेश न्यायमूर्ति डीके अरोड़ा व न्यायमूर्ति राजन रॉय की खण्डपीठ ने याची लोकेश कुमार खुराना द्वारा दायर जनहित याचिका पर दिए हैं। राज्य सरकार की ओर से उपस्थित अपर महाधिवक्ता विनोद कुमार शाही व स्थाई अधिवक्ता क्यू एच रिज़वी ने बताया कि राज्य सरकार पुलिस भर्ती से लेकर आम लोगों की सुरक्षा सहित अनेक पहलुओ पर स्वयं में गम्भीर निर्णय ले रही हैं।

जनहित याचिका दायर कर मांग की गई हैं कि आम जनता की सुरक्षा को गौर करते हुए सरकार ऐसे कदम उठाए जिससे लोगों को सुरक्षा व शांति मिल सके। यह भी कहा कि हाल में हुए विवेक तिवारी हत्याकांड जैसी घटनाओं की पुनरावृति न हो। हालांकि सुनवाई के समय अदालत ने याची से भी कहा कि वह याचिका को संशोधित करे।अपर महाधिवक्ता वी के शाही ने बताया कि केंद्र सरकार व राज्य सरकार से अदालत ने जानकारी तलब करते हुए यह पूछा है कि 23 अक्टूबर को बताए कि पुलिस भर्ती में मनोवैज्ञानिक शिक्षा व प्रशिक्षण की व्यवस्था है कि नहीं। कहा कि पुलिस प्रशिक्षण की क्या प्रकिया है इससे भी अदालत को अवगत कराएं।