नई दिल्ली: MeToo मूवमेंट में केंद्रीय मंत्री एमजे अकबर के ऊपर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर कांग्रेस ने बुधवार को मांग की है कि अकबर सफाई दें नहीं तो अपने पद से इस्तीफा दें.

पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता एस जयपाल रेड्डी ने संवाददाताओं से कहा, ‘मेरा मानना है कि एमजे अकबर को संतोषजनक स्पष्टीकरण देना चाहिए या फिर इस्तीफा देना चाहिए. जब उनके साथ काम कर चुकी वरिष्ठ पत्रकारों ने आरोप लगाया है तो फिर वह पद पर कैसे बने रह सकते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘इसमें जांच होने दीजिए. अकबर के आचरण की जांच होनी चाहिए.’

रेड्डी ने कहा कि हम आरोपों की जांच की मांग करते हैं. अगर जस्टिस कवानाह से सफाई मांगी जा सकती है तो एमजे अकबर से क्यों नहीं, जिन्होंने कवानाह के मुकाबले अपनी जिंदगी के हालिया वर्षों में कथित रूप से ऐसी ज्यादा ही हरकतें की हैं.

रेड्डी ने इस मामले पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की ‘चुप्पी’ पर सवाल खड़े करते हुए कहा, ‘वह अपनी जिम्मेदारी से बच रही हैं और इस पर टिप्पणी करने के लिए तैयार नहीं हैं.’

पार्टी प्रवक्ता प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ‘यह बहुत दुख की बात है कि एक महिला होते हुए भी सुषमा स्वराज जी कुछ नहीं बोल रही हैं. उनको इस पर बोलना चाहिए क्योंकि देश की बहुत सारी बच्चियां उनको प्रेरणास्रोत के तौर पर देखती हैं और वे चाहती हैं कि वह इस मामले पर अपना रुख स्पष्ट करें.’

भाजपा सांसद उदित राज के एक विवादित बयान पर प्रियंका ने कहा, ‘उदित राज का बयान शर्मनाक और निंदनीय है. भाजपा सांसद को देश की महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए.’ उन्होंने यह भी कहा कि उदित राज का बयान भाजपा की ‘महिला विरोधी’ सोच को दर्शाता है.

दरअसल, भाजपा सांसद उदित राज ने बुधवार को भारत में ‘मी टू’ अभियान को ‘गलत प्रथा’ करार दिया और सवाल उठाया कि 10 साल बाद किसी के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाना कितना प्रासंगिक है.

एमजे अकबर के खिलाफ कम से कम चार महिलाओं ने यौन शोषण का आरोप लगाया है. सबसे पहले जर्नलिस्ट प्रिया रमानी ने पिछले साल मैग्ज़ीन के लिए एक स्टोरी में बिना उनका नाम लिए उस गलत व्यवहार के बारे में लिखा था. अब उन्होंने एक ट्वीट के ज़रिए अकबर का नाम लिखकर उन पर आरोप लगाए हैं.