लखनऊ: उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने राज्य में अब तक के सबसे बड़े पुलिस प्रमोशन का ऐलान किया है. इसके तहत 25091 आरक्षियों को प्रमोट कर मुख्य आरक्षी बनाया जा रहा है. डीजीपी ओपी सिंह ने इसके साथ ही कहा कि इस साल अभी तक कुल विभिन्न रैंक में 36062 अराज​पत्रित अधिका​रियों को प्रमोशन दिया है. ये भी अपने आप में एक रिकॉर्ड है.

डीजीपी ने कहा कि 2016 में 15 हजार को प्रमोशन मिला था, 2017 में 9000 को प्रमोशन मिला था. उन्होंने कहा कि ये प्रमोशन यूपी पुलिस जैसे अनुशासित और संगठित बल के लिए बेहद जरूरी है. इस प्रमोशन से सिपाहियों का मनोबल ऊंचा होगा. हमने उनके प्रदर्शन के आधार पर प्रमोशन दिया है. इसका सभी लोगों ने काफी स्वागत किया है.

वहीं विवेक तिवारी की घटना का जिक्र करते हुए डीजीपी ओपी सिंह ने कहा, 'ये सही है कि इस घटना से यूपी पुलिस की छवि थोड़ी धूमिल हुई है, लेकिन यह भी सत्य है कि कई वर्षों से हमने प्रशिक्षण पर ध्यान नहीं दिया. अब इस कमी को हमने पहचान लिया है. पिछले सात से आठ महीनों से हमने ट्रेनिंग पर बहुत ध्यान दिया है. इस ट्रेनिंग में हमने व्यवहार पर काफी ध्यान दिया है.'

उन्होंने कहा, 'इसी साल हमने मार्च में लखनऊ में 6000 सिपाहियों को ​व्यवहार से जुड़ी ट्रेनिंग दी. अभी कल ही हमने नया रिफ्रेशर कोर्स शुरू किया है. साथ ही हम पुलिस और समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों के बीच संवाद स्थापित कराने की योजना पर काम चल रहा है.'

डीजीपी ने कहा कि आने वाले कुछ समय में इसके परिणाम दिखने लगेंगे. उन्होंने कहा​​ कि पुलिस फोर्स के लिए संवाद जरूरी है. मैं खुद सिपाहियों से सीधे मिलता हूं. संवादहीनता अच्छी नहीं होती.

डीजीपी ने कहा कि सोशल मीडिया में जहां तक दुष्प्रचार की बात है तो ये कुछ बर्खास्त सिपाहियों का काम है. इसमें हमने दो बर्खास्त सिपाहियों को पकड़ा भी है. बाकी हमारे सभी सिपाही खुश हैं. इसके बाद भी अनुशासनहीनता दिखाने वालो के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर उन्हें बर्खास्त किया जाएगा.

वहीं प्रदेश के ट्रैफिक की समस्या को लेकर डीजीपी ने कहा कि ट्रैफिक हमारी बहुत बड़ी समस्या है. जनसंख्या के साथ बढ़ रहे ट्रैफिक से दुर्घटनाएं भी बढ़ी हैं. ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई कर ट्रैफिक पुलिस की संख्या बढ़ाई है. उन्होंने कहा कि तकनीक का अधिकाधिक प्रयोग कर ट्रैफिक समस्याओं को दूर किया जाएगा.

वहीं पुलिसकर्मियों से आत्महत्या पर डीजीपी ने कहा कि सबसे ज्यादा पुलिसकर्मी पारिवारिक तनाव के कारण ये कदम उठा रहे हैं. परिवारिक तनाव से ग्रसित पुलिसकर्मियों के लिए योग- खेलकूद को बढ़ावा दिया जा रहा है. इसके अलावा डीजीपी ने कहा कि यूपी पुलिस ने सांप्रदायिक घटनाओं पर प्रभावी ढंग से नियंत्रित किया है. पिछले डेढ़ साल से यूपी में कोई साम्प्रदायिक घटना नहीं हुई है.