कुकरैल नाले पर 5 एम एल डी क्षमता की जियो ट्यूब शोधन तकनीकी का शुभारम्भ

लखनऊ: वर्षो से लखनऊ शहर अपनी गंगा जमुनी संस्कृति के लिये विश्व विख्यात है उसकी विरासत एवं इतिहास में अनेक धरोहर समाहित है। विश्व में ख्याति प्राप्त उत्तरप्रदेश की इस राजधानी में आज एक और ऐतिहासिक कार्य सम्पन्न हुआ। वर्षो से अवैध निर्माण और गंदगी से त्रस्त कुकरैल नाला एक इतिहास समेटे हुये था लेकिन आज उस इतिहास को बदल दिया गया। अपने अन्दर गन्दगी समेटे यह नाला निरन्तर गोमती में ंप्रवाहित हो रहा था आज से नाले के प्रदूषित जल को स्वच्छ जल में परिवर्तित करने का शुभारम्भ हुआ।

भारतीय तकनीक पर आधारित जियो ट्यूब जल शुद्धिकरण संयत्र का उद्घाटन उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ , सड़क परिवहन और राजमार्ग,जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गड़करी, परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती महाराज ने किया।

कार्यक्रम में शामिल माननीयों ने कहा कि आपकी सकारात्मक ऊर्जा, उत्साह और सक्रियता से यह ऐतिहासिक कार्य सम्पन्न हुआ। जियो ट्यूब तकनीकी का प्रथम प्रोजेक्ट चन्द्रभागा नाला ऋषिकेश पर केवल पांच दिनों के अन्तर्गत लगाया गया था और वही से देश भर के गंदे नालों को स्वच्छ करने हेतु एक संकल्प उभरा था। ऋषिकेश में लिया था प्रण और लखनऊ में किया नाले के जल का परिशोधन का शुभारम्भ।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि अब’’देश के हर नाले की बदलेगी किस्मत और हर सीवर प्वाइन्ट बनेगा सेल्फी प्वाइन्ट। उन्होने कहा यह ग्रान्ड प्रोजेक्ट नहीं परन्तु ग्राउण्ड प्रोजेक्ट है जो देश के गंदे नालों की तस्वीर बदल सकता है। नालों की तस्वीर बदलेगी तो नदियों की तकदीर भी बदलेगी।’’

इनजियो कान्ट्रेक्ट प्राइवेट लिमिटेड के प्रमुख श्री रजनीश मेहरा जी ने कहा, आज मेरे लिये ऐतिहासिक पल है; गौरव का पल है। मुझे जियो ट्यूब तकनीक के माध्यम से गंगा, क्षिप्रा और गोमती आदि नदियों की सेवा करने का सुनहरा अवसर प्राप्त हुआ। मुझ,े स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी के मार्गदर्शन में गंगा, क्षिप्रा और अब गोमती की सेवा करने का यह पावन सुअवसर प्राप्त हुआ उससे मैं अत्यधिक प्रसन्न हूँ। स्वामी जी महाराज ने कहा कि लखनऊ के लिये तो गोमती ही गंगा है जो नदियां जहां पर भी जीवन प्रदान कर रही है वे वहां के लिये जीवनदायिनी है उनका संरक्षण करना हमारा प्रथम कर्तव्य है।