नई दिल्ली: चुनाव आयोग (ईसी) ने शनिवार (छह अक्टूबर) दोपहर तीन बजे मध्‍य प्रदेश, राजस्‍थान, छत्‍तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना विधानसभा चुनाव कार्यक्रम का ऐलान कर दिया। दिल्ली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त ओम प्रकाश रावत ने बताया, छत्‍तीसगढ़ में पहले चरण का मतदान 12 नवंबर तथा दूसरे चरण का मतदान 20 नवंबर को होगा।

उनके मुताबिक, मध्‍य प्रदेश और मिजोरम में 28 नवंबर को मतदान होगा, जबकि राजस्‍थान, तेलंगाना में 7 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे। सभी राज्‍यों की मतगणना 11 दिसंबर, 2018 को होगी। 15 दिसंबर से पहले सभी चुनावी प्रक्रिया पूरी कर ली जाएंगी। तारीखों की घोषणा के साथ ही आचार संहिता भी लागू हो गई। रावत ने इसी के साथ कर्नाटक में होने वाले उपचुनावों की तारीख की घोषणा भी की। उन्होंने बताया, “शिमोगा, बेल्लारी और मांड्या में तीन नवंबर को उप चुनाव होगा।”

बता दें कि 50 सदस्‍यीय मिजोरम विस का कार्यकाल 15 दिसंबर, 2018 को समाप्त हो रहा है, जबकि मध्‍य प्रदेश की 230 सदस्‍यीय विस का कार्यकाल 7 जनवरी, 2019 को खत्म होगा। वहीं, 200 सदस्‍यों वाली राजस्‍थान विस का कार्यकाल 20 जनवरी, 2019 को पूरा होगा। साथ ही छत्‍तीसगढ़ में 90 विस सदस्‍य हैं और उनका कार्यकाल 5 जनवरी, 2019 को संपन्न होगा।

उधर, तेलंगाना के सीएम के.चंद्रशेखर राव वक्त से पहले ही विस भंग कर चुके हैं, लिहाजा निर्धारित कार्यकाल से पहले चुनाव का रास्ता साफ हुआ। अगर ऐसा न होता तो वहां चुनाव अगले साल होते।

मध्य प्रदेश और मिजोरम में एक साथ होंगे चुनाव : मध्य प्रदेश की 203 विधानसभा सीट और मिजोरम की 40 विधानसभा सीट पर एक साथ विधानसभा वोटिंग कराई जाएगी। दोनों ही राज्यों में 28 नवंबर को वोटिंग होगी।

राजस्थान और तेलंगाना में चुनाव 7 दिसंबर को होगा: राजस्थान की 200 सीट के साथ तेलंगाना में भी 7 दिसंबर को वोटिंग कराई जाएगी। जबकि, इन सभी राज्यों के नतीजे 11 दिसंबर को आएंगे।

आचार संहिता लागू: चुनाव आयोग की तरफ से शनिवार को चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद इन राज्यों में आज से आचार संहिता लागू हो गई है। चुनाव आयोग ने कहा कि इस बार विधानसभा चुनावों में वीवीपैट का इस्तेमाल किया जाएगा। इसके साथ ही, चुनाव में सभी बूथों पर पुख्ता सुरक्षा के इंतजाम किए जाएंगे।

उम्मीदवारों के खर्च की अधिकतम राशि तय: चुनाव आयोग ने चार राज्यों की अधिकतम खर्च की सीमा राशि तय कर दी है। इसके मुताबिक, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में उम्मीदवार 28 लाख तक खर्च कर पाएंगे। जबकि, मिजोरम में उम्मीदवार के खर्च की सीमा 20 लाख रुपये तक की गई है।