नई दिल्ली: राजकोट में आज से शुरू हुए वेस्टइंडीज सीरीज के पहले टेस्ट का पहला दिन 18 साल के पृथ्वी शॉ के नाम रहा। शॉ ने अपने करियर की पहली ही टेस्ट पारी में धमाकेदार शतक मारकर पूरी दुनिया को अपने टैलेंट का सबूत दे दिया है। 134 रनों की यादगार पारी खेलने के बाद पृथ्वी शॉ ने कहा कि वो बेहद खुश हैं और अपने पिता को यह सेंचुरी समर्पित करते हैं।

सिर्फ 99 गेंदों पर अपने डेब्यू मैच में शतक ठोकने वाले पृथ्वी शॉ ने बताया कि वो पारी की शुरुआत में घबरा रहे थे। उन्होंने मैच के बाद बोला, 'शतक मारने के बाद बहुत खुशी महसूस कर रहा हूं। मैं जब बैटिंग करने उतरा तो थोड़ा नर्वस हो रहा था। तब मैंने अपना नैचुरल गेम खेलने की कोशिश की। मैंने सोचा कि यह किसी भी अन्य मैच की तरह ही है और फिर मैं उस मुकाम पर पुहंच गया।'

इसके साथ ही पृथ्वी शॉ ने कहा कि वो शतक मारने के बाद अपने पिता को याद कर रहे थे। उन्होंने कहा, 'मैं तब अपने पिता के बारे में सोच रहा था क्योंकि उन्होंने मेरे लिए बहुत त्याग किया है। मेरी पहली सेंचुरी, सिर्फ उनके लिए है।' इसके साथ ही उन्होंने कहा, 'भारत के लिए खेलना मेरी लिए बड़ी बात है। यह एक बड़ी चुनौती थी और मुझे लगता है कि मैंने यहां पर अच्छा प्रदर्शन किया है।' पृथ्वी शॉ ने बताया कि स्कूल क्रिकेट और फिर रणजी में लगातार क्रिकेट खेलने से उन्हें काफी मदद मिली है।

पृथ्वी ने कहा, 'मैं स्कूल लेवल पर काफी क्रिकेट खेला है। लगभग 30-35 मैच एक साल में खेले। फिर रणजी में मैंने बहुत मैच खेले, जिसके चलते मैदान पर मैंने काफी वक्त बिताया। इस अनुभव ने मेरी मदद की और इसलिए मैं इस तरह खेल पाया।' बता दें कि शॉ ने अपनी पारी में 19 चौके जड़े। भारत ने पहले दिन 4 विकेट के नुकसान पर 364 रन बनाए लिए हैं।