लखनऊ: लखनऊ के गोमतीनगर इलाके में एप्पल के इंजीनियर विवेक तिवारी की हत्या के आरोपी सिपाही प्रशांत चौधरी और संदीप पर कार्रवाई के खिलाफ यूपी पुलिस लामबंद होती नजर आ रही है. पुलिसकर्मी इस कार्रवाई के खिलाफ बड़े विरोध की तैयारी में हैं. इसके लिए यूपी राज्य पुलिस कर्मचारी परिषद की ओर से वॉट्सऐप पर मैसेज भेजा जा रहा है, जिसमें विवेक तिवारी हत्याकांड में सिपाहियों पर कार्रवाई को एकतरफा बताते हुए विरोध की तैयारी की गई है.

यूपी राज्य पुलिस कर्मचारी परिषद ने इसके लिए इलाहाबाद में मीटिंग बुलाई है. इस बैठक में पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई, आत्महत्या और हत्या के विरोध से जुड़ी रूपरेखा तय होगी. इसके बाद 5 अक्टूबर को यूपी पुलिस के सिपाही काला दिवस मनाएंगे. एक अन्य संगठन अराजपत्रित पुलिस वेलफेयर एसोसिएशन यूपी ने भी 5 अक्टूबर को काला दिवस मनाने का ऐलान किया है.

गौरतलब है कि विवेक तिवारी हत्याकांड को लेकर आरोपी सिपाहियों प्रशांत चौधरी और संदीप के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई को लेकर यूपी पुलिस के सिपाहियों में ख़ासा आक्रोश है. यही वजह है कि बर्खास्‍तगी के बाद से ही व्हाट्सएप और सोशल मीडिया पर मुहिम छिड़ी हुई है. प्रशांत चौधरी की पत्नी राखी की अपील पर केस लड़ने के लिए उसके अकाउंट में लाखों रुपए ट्रान्सफर भी हो चुके हैं. 1 अक्टूबर तक राखी के अकाउंट में 5.28 लाख रुपए जमा हो चुके थे.

इससे पहले एसआईटी की टीम मंगलवार को इस मामले की एकमात्र चश्मदीद सना और मृतक विवेक तिवारी की पत्नी के साथ मौक-ए-वारदात पर घटनास्थल का मुआयना किया. इस दौरान सना के बयान के आधार पर क्राइम सीन को रीक्रिएट किया गया. वहीं विशेष जांच टीम (SIT) ने सना का बयान दर्ज किया है. इस दौरान एसआईटी जांच टीम के प्रमुख आइजी सुजीत पांडे भी मौजूद रहे.

बता दें कि विवेक तिवारी की मौत के मामले की चश्मदीद सना ने पहली बार सोमवार को चुप्पी तोड़ी. उसने मीडिया को घटना की पूरी कहानी बताई. सना ने बताया, "मैं घटना के वक्त विवेक के साथ ही गाड़ी में मौजूद थी. सर मुझे गाड़ी से घर छोड़ने जा रहे थे. रास्ते में सिपाही दिखाई दिए जो गुस्से में थे. इसलिए गाड़ी रोकना सही नहीं लग रहा था. हमारी कार सिपाहियों से टच भी नहीं हुई थी, हम लोगों की पुलिस के साथ कोई बहस भी नहीं हुई थी."