लखनऊ: लखनऊ शूटआउट के शिकार एप्पल के एरिया मैनेजर विवेक तिवारी के मामले में बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके योगी सरकार पर ब्राह्मणों के साथ शोषण करने का आरोप लगाया. मायावती ने कहा कि इस घटना में आरोपी पुलिसकर्मियों के साथ दोषी और लापरवाह अफसरों पर भी सरकार कार्रवाई करे. उन्होंने कहा कि इसलिए आज हमने अपने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा को उनके आवास पर भेजा था. बीएसपी सुप्रीमो ने कहा कि इस दुख की घड़ी में बहुजन समाज पार्टी मृतक परिवार के साथ खड़ी है. उन्होंने कहा कि सरकार के मंत्री मामले को दबाने में लगे हैं. मायावती ने कहा ऐसा लग रहा है कि उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी ध्वस्त हो चुकी है. बीएसपी सुप्रीमो ने कहा, 'मैं अगर मुख्यमंत्री होती तो मैं सबसे पहले घटना में शामिल पुलिसकर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करती उसके बाद ही पीड़ित परिवार से मिलती न कि मौजूदा सीएम की तरह करती.'

इससे पहले आज मृतक विवेक तिवारी की पत्नी ने सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी. उनके साथ सूबे के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा भी मौजूद रहे. बता दें कि रविवार को ही सीएम योगी ने कल्पना तिवारी से फोन पर बात की थी. सीएम योगी ने उनसे बात कर हर संभव मदद का भरोसा दिया था. योगी ने फोन पर कहा उन्हें कहा था कि डिप्टी सीएम के जरिए वह किसी भी तरह की मदद मांग सकती हैं.

डिप्टी सीएम से मुलाकात के बाद ही कल्पना तिवारी ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपने से इनकार कर दिया था. वह चाहती हैं कि एसआईटी ही इसकी जांच करे. गौरतलब है कि एफआईआर को लेकर उठे सवालों के बाद अब पुलिस ने मृतक विवेक की पत्नी की तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया है. सबसे खास बात है कि विवेक तिवारी हत्याकांड मामले में सोमवार को सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिसने यूपी पुलिस के दावों की पोल खोलकर रख दी है.

घटना के बाद आरोपी पुलिसकर्मियों ने बताया था कि विवेक तिवारी की गाड़ी खड़ी थी. जबकि तस्वीरों में साफ है कि गाड़ी चलती पाई गई. आरोपी प्रशांत चौधरी ने दावा किया था कि विवेक ने उसके ऊपर तीन बार गाड़ी चढ़ाने की कोशिश की, लेकिन तस्वीरें बताती हैं कि गाड़ी पहले चल रही थी. यानी मौके पर मृतक विवेक के साथ मौजूद उसकी महिला का दावा सही पाया गया है.