नई दिल्ली: इंडोनेशिया का पालू शहर शुक्रवार को शक्तिशाली भूकंप के बाद आई सुनामी से भी प्रभावित हुआ. आपदा एजेंसी ने इसकी जानकारी दी. इस भयंकर भूकंप से इमारतों के तबाह होने के बाद परेशान निवासियों को अपना घर छोड़ कर बाहर सड़क पर खड़े रहने को मजबूर कर दिया.

आपदा एजेंसी के भूकंप एवं सुनामी प्रभाग के अध्यक्ष रहमत त्रियोनो ने कहा, 'पालू में सुनामी आई है.' इस शहर में करीब 3,50,000 लोग रहते हैं जो भूकंप के केंद्र से करीब 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.

इससे पहले सुलावेसी द्वीप में आए तेज भूकंप में घरों के तबाह होने के साथ ही कम से कम एक व्यक्ति की मौत हो गई. एक अधिकारी ने बड़े पैमाने पर नुकसान होने की आशंका जताई और लोगों से भूकंप के बाद लगने वाले तेज झटकों के खतरे के चलते घर से बाहर रहने की अपील की.

अमेरिकी भूगर्भ सर्वेक्षण ने बताया कि भूकंप की तीव्रता 7.5 थी और इसका केंद्र मध्य सुलावेसी के डोंग्गाला कस्बे से पूर्वोत्तर में दस किलोमीटर की गहराई में था. इसके चलते शुरुआत में सुनामी की चेतावनी भी कुछ समय के लिए जारी की गई.

स्थानीय आपदा एजेंसी के अधिकारी अकरिस ने बताया कि कई घर गिर गए हैं. उन्होंने कहा, "यह तब हुआ जब हमें पहले से ही इससे पहले आए भूकंप से प्रभावित 9 गांवों से डेटा इकट्ठा करने में मुश्किल आ रही थी."

टेलीविजन फुटेज में लोगों को परेशान होकर इधर-उधर भागते हुए देखा जा सकता है. राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के वितरित एक वीडियो में महिलाओं एवं बच्चों को जोर-जोर से रोते-बिलखते हुए देखा जा सकता है.

आपदा एजेंसी के प्रवक्ता सुतोपो पुर्वो नुगरोहो ने कहा कि क्षेत्रों के साथ संपर्क करने में कठिनाई आ रही है. उन्होंने एक बयान में डोंग्गाला इलाके में बहुत नुकसान होने की बात बताई जहां करीब 3,00,000 लोग रहते हैं.

सुतोपो ने बताया, "लोगों से सतर्क रहने को कहा गया है. भूकंप के बाद लगने वाले झटकों के खतरे की आशंका देखते हुए घर में नहीं रहना बेहतर होगा. लोगों से सुरक्षित जगहों पर जमा रहने के लिए कहा गया है. ढलानों या पहाड़ी इलाकों की तरफ नहीं जाने को कहा गया है."

इससे पहले शुक्रवार को ही डोंग्गाला में 6.1 तीव्रता का भूकंप आया था. प्राथमिक सूचना के आधार पर एक व्यक्ति की मौत, 10 लोगों के घायल होने और दर्जनों घर बर्बाद होने की खबर मिली थी.

दिसंबर 2004 में पश्चिमी इंडोनेशिया के सुमात्रा में 9.3 तीव्रता का भूकंप आया था. इसके कारण आई सुनामी के कारण हिंद महासागर क्षेत्र के कई देशों में 2,20,000 लोग मारे गए थे.