लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार बनते ही गन्ना किसानों के दुख भरे दिन बीत गए और एक ऐसे युग का सूत्रपात्र हुआ जिसमें सरकार उनका हक दिलाने का हर संभव कार्य कर रही है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री माननीय श्री योगी आदित्यनाथ जी की अध्यक्षता में संपन्न हुई पिछली कैबिनेट मीटिंग में गन्ना किसानों का बकाया भुगतान देने के लिए सरकार ने निजी क्षेत्र की चीनी मिलों को चार हजार करोड़ रुपए का ऋण देने का सराहनीय निर्णय लिया है।

प्रदेश पार्टी मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि विशेष बात यह है कि यह राशि सीधे किसानों के खातों में जाएगी। इस फैसले ने एक बार फिर भाजपा सरकार की किसानों के प्रति संवेदनशीलता जाहिर कर दी है। पिछली विपक्षी सरकारों ने एक ओर जहां गन्ना किसानों को लेकर केवल राजनीति ही की वहीं भाजपा सरकार ने अपने डेढ़ वर्ष के कार्यकाल में गन्ना किसानों को उनका सम्मान वापस लौटाया है। पिछली सपा सरकार ने वर्ष 2015-16 में 18 हजार करोड़ रुपए गन्ना किसानों का भुगतान हुआ। वहीं भाजपा सरकार अपने 2017-18 के कार्यकाल में गन्ना किसानों को भुगतान के लिए 35.5 हजार करोड़ रुपए से अधिक भुगनात कर चुकी है। यही नहीं अखिलेश सरकार का बकाया 4.5 हजार करोड़ रूपये का भुगतान भी भाजपा सरकार ने किया था।

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि विपक्षी सरकारों के कार्यकाल में उनकी गलत नीतियों से बड़ी संख्या में गुड़ और खांडसारी इकाईयां बंद हो गई थीं। भाजपा सरकार ने बंद पड़ी गुड़ एवं खांडसारी इकाइयों को फिर से शुरू करने के आदेश दिए हैं। गन्ना किसानों को समय पर भुगतान और किसी प्रकार की गड़बड़ी को रोकने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। इसके लिए गन्ना समितियों को पूरी तरह से कंप्यूटरीकृत किया जा रहा है। गन्ना किसानों की मेहनत का भाजपा सरकार पूरा सम्मान किया जा रहा है।

प्रदेश प्रवक्ता डा0 चन्द्रमोहन ने कहा कि गन्ना खरीद प्रक्रिया में पिछली सरकारों में व्याप्त भ्रष्टाचार को दूर कर भाजपा सरकार ने एक ऐसी व्यवस्था लागू की है जिसमें किसान को अपनी उपज का मूल्य पाने के लिए दर-दर न भटकना पड़ा। प्रदेश के विकास में गन्ना किसानों की एक बड़ी भूमिका है। किसानों की खुशहाली ही संपन्नता का प्रतीक है। प्रदेश को इसी संपन्नता में अग्रणी बनाने के लिए भाजपा सरकार कार्य कर रही है।