नई दिल्ली: ईरान ने शनिवार को अमेरिका को धमकी देते हुए कहा कि उसे वैसे ही शिकस्‍त झेलनी पड़ेगी जैसे कि सद्दाम हुसैन को मिली थी. ईरान के राष्‍ट्रपति हसन रुहानी ने अमेरिका को धमकाते हुए साथ ही कहा कि उनका देश अपने मिसाइल कार्यक्रम को बंद नहीं करेगा. बता दें कि दोनों देशों के बीच परमाणु कार्यक्रम को लेकर हुए समझौते से ट्रंप ने मई महीने में अमेरिका को अलग कर लिया था. इसके बाद से दोनों देशों के बीच तनातनी बढ़ गई. अमेरिका ने ईरान पर फिर से प्रतिबंध लगा दिए.

ईरानी सेना की परेड के मौके पर दिए भाषण में रुहानी ने कहा, 'ट्रंप के साथ भी वैसा ही होगा. अमेरिका का हाल भी वैसा ही होगा जैसा कि सद्दाम हुसैन का हुआ था. ईरान अपने रक्षात्‍मक हथियार नहीं छोड़ेगा… इसमें वह मिसाइलें भी शामिल हैं जिनसे अमेरिका खफा है.'

सरकारी टीवी ने बताया कि 600 नौकाएं गल्‍फ नौसेना अभ्‍यास में हिस्‍सा ले रही हैं. इससे एक दिन पहले हवाई अभ्‍यास भी किया गया था. इसमें संकल्‍प लिया गया था कि देश के दुश्‍मनों को करारा जवाब दिया जाएगा.

ईरान तेहरान और बंदर अब्‍बास पोर्ट पर सालाना सैन्‍य परेड आयोजित कर रहा है. बंदर अब्‍बास को चुना जाना काफी अहम है क्‍योंकि इसी पोर्ट के उपयोग के जरिए ही ईरान ने 1980-88 के दौरान इराक से जंग लड़ी थी.

ईरान ने हाल के दिनों में इशारा किया था कि अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते उसकी तेल सप्‍लाई पर लगी रोक के जवाब में वह दूसरे देशों की तेल सप्‍लाई को रोकने के लिए सैन्‍य कार्रवाई कर सकता है. बता दें कि अमेरिका तेल सप्‍लाई वाले रास्‍तों की सुरक्षा के लिए गल्‍फ में सैन्‍य बेड़ा तैनात रखता है.