लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डा. चन्द्रमोहन ने पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अभी भी पिछले विधानसभा में अपनी पार्टी की बुरी हार के सदमे से उबर नहीं पा रहे हैं। इसीलिए उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि वह क्या बोलें और क्या न बोलें? जनता का विश्वास खो चुके अखिलेश जी अब जनता के बीच जाने का साहस ही नहीं जुटा पा रहे हैं, इसीलिए उन्हें आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस पर अपनी साइकिल यात्रा को घोषणा करने के बाद रद करना पड़ा। यही वजह है कि वे अब अपना खाली समय सोशल मीडिया पर भाजपा के खिलाफ भ्रड़ास निकाल कर बिता रहे हैं।

प्रदेश प्रवक्ता डां चन्द्रमोहन ने कहा कि दो दिन पहले उन्होंने ‘प्रधानमंत्री मातृवंदन वय योजना’ (पीएमएमवीवाई) से जुड़ा एक गलत ट्वीट किया था। अखिलेश जी की जानकारी की पोल नीति आयोग के सलाहकार आलोक कुमार ने तथ्यात्मक कमियां उजागर करके सरेआम खोल दी। इससे यह एक बार फिर साबित हो गया कि श्री अखिलेश को न तो सरकार की किसी योजना की जानकारी ही है और न ही राजनीति की। पीठ में छुरा भोंक कर अपनी राजनीति हसरत को परवान चढ़ाना अखिलेश जी को बखूबी आता है। जिन पिता और चाचा ने उन्हें नाकाबिल होते हुए भी मेहनत करके राजनीति में खड़ा किया, चुनाव जितवाया, अखिलेश ने उन्हीं की पीठ में छुरा भोंककर पार्टी पर कब्जा कर लिया।

प्रदेश प्रवक्ता ंडा. चन्द्रमोहन ने बताया कि अखिलेश यादव की यही ‘यूज एंड थ्रो’ की राजनीति का शिकार सपा के सैकडों वरिष्ठ नेता भी हुए हैं जिन्होंने अपने खून पसीने से पार्टी को सींचा था। अखिलेश जी ने एक कमजोर और डरपोक नेता की तरह व्यवहार करके निष्ठावान और जनाधार वाले नेताओं को हाशिए पर डाल दिया और चापलूसों को अपनी गोद में बिठा लिया है। इसी ‘यूज एंड थ्रो’ की राजनीति के चलते ही उन्होंने पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से गठबंधन किया और अब वह कांग्रेस का मुंह नहीं देखना चाहते।

डा. चन्द्रमोहन कहा कि अब वह बसपा की तरफ हाथ जोड़े खड़े हैं ताकि अगले लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी को कुछ वोट मिल जाएं। अखिलेश यादव ने कांग्रेस, बसपा जैसी कई पार्टियों को ‘टिशू पेपर’ समझ लिया है कि इनमें हाथ पोछकर निकल जाएंगे लेकिन जनता सब देख रही है। अगले लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सम्मानित जनता इन्हें विधानसभा चुनाव से भी कड़ा दंड देगी।