लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस देश में अपनी तरह की पहली डायल-एफआईआर योजना शुरू करने के लिए तैयार है जहां एक आम आदमी पुलिस थाने जाए बगैर आए दिन होने वाले अपराधों की प्राथमिकी फोन पर ही दर्ज करा सकता है। इसके लिए पुलिस अपराधियों की तस्वीरों का एक ऑनलाइन डोजियर तैयार कर रही है जो पुलिसर्किमयों को 22,000 नए आईपैड पर मुहैया कराया जाएगा।

पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओ पी सिंह ने यहां एक साक्षात्कार में बताया कि इसके अलावा, उत्तर प्रदेश पुलिस आतंकवाद रोधी और प्रतिक्रिया नेटवर्क का भी विस्तार कर रही है। इसके लिए विशेष हुनर वाले 100 से ज्यादा नए कमांडो को प्रशिक्षण दिया जा रहा है जिसमें महिला र्किमयों का पहला बैच भी शामिल है। उन्होंने बताया कि इसका मकसद एटीएस को गुणात्मक और मात्रात्मक दोनों रूप से मजबूत बनाना है।

डीजीपी ने कहा, ‘‘हम जल्द ही राज्य में ई-एफआईआर या डायल-एफआईआर योजना शुरू करने जा रहे है। एफआईआर है जो कानून को लागू करती है और जब तक आप पुलिस में मामला दर्ज नहीं कराते तब तक आपकी जांच शुरू नहीं होती। हमने सोचा कि कैसे हम इसे बदल सकते हैं और फिर यह दिखाई दिया कि हमें यूपी पुलिस आपात नंबर 100 पर हर दिन करीब 20,000 शिकायतें मिल रही है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यूपी 100 नंबर पर की जाने वाली शिकायतें कुछ खास श्रेणी की होती है जैसे कि वाहन चोरी। अब ऐसे अपराधों के लिए कोई भी आपात नंबर डायल कर सकता है और फोन पर एफआईआर दर्ज करा सकता है। यह नियमित एफआईआर की तरह होगी और लोगों को मामला दर्ज कराने के लिए पुलिस थाने आने की जरुरत नहीं होगी।’’ उन्होंने बताया कि गाजियाबाद में इस पर दो महीने के लिए आयोजित की गई पायलट परियोजना सफल रही।

सिंह ने बताया कि अपराध से निपटने के लिए राज्य में अपराधियों का एक ऑनलाइन डोजियर भी तैयार किया गया है। डीजीपी ने बताया कि डोजियर से कोई भी मामला शीघ्र सुलझाने में मदद मिलेगी क्योंकि संदिग्धों की पहचान तेजी से की जा सकेगी।