पटना: चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर अब सीधे राजनीति में कूदने का फैसला किया है. वह आज इसकी घोषणा हैदराबाद में कर सकते हैं. प्रशांत किशोर 2014 में बीजेपी, 2015 में महागठबंधन और 2017 में उत्तर प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के लिये काम कर चुके हैं. एक समय चुनाव में जीत की गारंटी बन चुके प्रशांत किशोर उस समय चर्चा में आए थे जब 2014 के चुनाव प्रचार में बीजेपी के प्रचार को उन्होंने 'मोदी लहर' में बदल दिया था. उसके बाद उनके बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मतभेद की खबरें आईँ और उन्होंने साल 2015 में बिहार विधानसभा चुनाव में महागठबंधन (आरजेडी+जेडीयू+कांग्रेस) के प्रचार की कमान संभाल ली और इस चुनाव में बीजेपी को तगड़ी हार का सामना करना पड़ा. इसके बाद उन्होंने उत्तर प्रदेश चुनाव में कांग्रेस के प्रचार की कमान संभाल ली और पूरी पार्टी उन्हीं की बनाई रणनीति पर काम करने लगी. लेकिन कांग्रेस के नेताओं के साथ उनकी पटरी नहीं खा सकी और नतीजों में भी पार्टी बुरी तरह से हार गई.

पिछले छह वर्षों से विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ उनके चुनावी अभियान में काम करने के बाद प्रशांत किशोर ने किसी दल के साथ पर्दे के पीछे से काम नहीं करेंगे. इसकी विधिवत घोषणा आज शाम हैदराबाद में की जाएगी जहां प्रशांत इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस के छात्रों के साथ रूबरू होंगे.

हालांकि प्रशांत किस दल में शामिल होंगे फ़िलहाल इसके बारे में कोई इशारा नहीं किया हैं लेकिन माना जाता हैं कि अधिकांश दल के शीर्ष नेताओं के साथ व्यक्तिगत मधुर सम्बंध होने के कारण उनके विकल्प खुले हैं. हालांकि हाल ही के दिनों में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ उनके संबंध काफ़ी मधुर रहे हैं और दोनो एक दूसरे के साथ दिल्ली और पटना में घंटो एक साथ बिताया है.